Unique Temple of Mathura: शिव मंदिर में पार्वती की जगह विराजमान हैं माता गायत्री, नंदी बैल भी नहीं

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Unique Temple of Mathura: शिव मंदिर में पार्वती की जगह विराजमान हैं माता गायत्री, नंदी बैल भी नहीं



सौरव पाल/मथुरा. मथुरा के मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो पूरी दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलते. फिर चाहे वो भगवान कृष्ण का मंदिर हो या भगवान शंकर का. ऐसा ही एक अनोखा शिवमंदिर है गर्तेश्वर महादेव का, जो की मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के पास गोविंद नगर में है. भगवान शिव का ऐसा मंदिर और कहीं देखने को नहीं मिलेगा. रोजाना हजारों श्रद्धालु महादेव और माता गायत्री के इस अनोखे मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं.मंदिर के सेवायत पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है. साथ ही यह मंदिर अपनी तरह का इकलौता भी है. इस मंदिर भगवान शिव के साथ पार्वती नहीं, बल्कि शक्ति के रूप में माता गायत्री विराजमान हैं. ऐसा किसी भी मंदिर में आपको देखने को नहीं मिलेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि इस मंदिर में गायत्री माता सीधे हाथ पर विराजमान हैं. इस मंदिर में महादेव के आगे नंदी भी नहीं हैं. इस वजह से इस मंदिर की विशेषता और मान्यता काफी बढ़ जाती है.
इस स्थान पर मथुरा पर राज करने वाले दैत्य लवणासुर ने भी तपस्या की थी. जिसके लिए बाद में भगवान श्रीराम के भाई शत्रुघ्न ने भी इस मंदिर में दैत्य को हराने के लिए गर्तेश्वर महादेव की तपस्या की और लवणासुर को हराया था.
माना जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त 41 दिनों तक दीपक जलाता है उसकी हर मनोकामन पूर्ण हो जाती है. साथ ही हर सोमवार को रुद्राभिषेक करने पर भी भोलेनाथ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है..FIRST PUBLISHED : June 05, 2023, 10:02 IST



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