केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने लोकसभा में बताया है कि देशभर में अभी तक 14.6 करोड़ से अधिक महिलाओं का ब्रेस्ट कैंसर की जांच हो चुकी हैं. वहीं 9 करोड़ से ज्यादा महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच की जा चुकी है. जेपी नड्डा ने बताया है कि 57,184 महिलाओं में स्तन कैंसर पाया गया, जिसमें से 50,612 महिलाएं इलाज करा रही हैं. 96,747 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पाया गया. जिनमें से 86,196 महिलाएं इलाज हो रहा है.
नेशनल एनसीडी पोर्टल के आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा द्वारा बताए गए आंकड़े नेशनल नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) पोर्टल से लिए गए हैं. सरकार ने साल 2018 में नेशनल एनसीडी पोर्टल की शुरुाआत की थी. इस पोर्टल की मदद से ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर जैसी पांच प्रमुख एनसीडी को रोक सकते हैं. इसके अलावा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 2010 में ‘गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम’ (एनपी-एनसीडी) भी शुरू किया था. इसका उद्देश्य उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर जैसे प्रमुख एनसीडी को रोकना और नियंत्रित करना है.” इसका उद्देश्य आधारभूत संरचना को मजबूत करना, मानव संसाधन का विकास करना, स्वास्थ्य को प्रमोट करना, बीमारी की जल्द पहचान, प्रबंधन और सही हेल्थकेयर सुविधा में रेफरल है.
770 जिला एनसीडी क्लीनिकनड्डा ने बताया कि प्रोग्राम के तहत, देश भर में 770 जिला एनसीडी क्लीनिक, 233 कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू), 372 जिला डे केयर सेंटर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 6,410 एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं. इस बीच, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एनपी-एनसीडी के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
जांच कर इलाज के लिए भेजा जाता हैआशा कार्यकर्ता 30 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों की सेहत जांच के लिए कम्युनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट (सीबीएसी) का इस्तेमाल करती हैं. यदि किसी व्यक्ति में बीमारी की आशंका होती है, तो उसे आगे की जांच और इलाज के लिए भेजा जाता है. नड्डा ने कहा कि एनसीडी के लिए जोखिम की जांच सीबीएसी और उच्च जोखिम व्यक्तियों को कॉमन एनसीडी की स्क्रीनिंग के लिए रेफर किया जाता है. यह एनएचएम के तहत अर्थपूर्ण प्राइमरी हेल्थ केयर का हिस्सा है.
इनपुट-आईएएनएस