under 19 world cup 2024 young hero sachin dhas success story india into the finals | मां नहीं चाहती थीं, लेकिन पिता के सपोर्ट से बेटा बना क्रिकेटर; ऐसी है युवा ‘सचिन’ की स्टोरी

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under 19 world cup 2024 young hero sachin dhas success story india into the finals | मां नहीं चाहती थीं, लेकिन पिता के सपोर्ट से बेटा बना क्रिकेटर; ऐसी है युवा 'सचिन' की स्टोरी



Sachin Dhas, Under-19 World Cup: टीम इंडिया ने बीत दिन यानी मंगलवार को मेजबान साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल में हराकर अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली है. अब टीम का सामना ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले के विनर से होगा. इस युवा भारतीय टीम के बल्लेबाज सचिन धास ने गजब का प्रदर्शन दिखाया है. उन्होंने अब तक इस टूर्नामेंट में 100 से ऊपर की स्ट्राइक रेट और 70 से ऊपर की औसत से 294 रन बनाए हैं. सचिन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में 96 रन की मैच विनिंग पारी खेली. अब उनके पिता ने सचिन के यहां तक के सफर की कहानी बताई है.
उदय-सचिन ने भारत को फाइनल का दिलाया टिकट   साउथ अफ्रीका में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप में महाराष्ट्र के बीड जिले का यह खिलाड़ी टीम के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरा है. टीम में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले सचिन ने 100 से अधिक की स्ट्राइरेट से 294 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जीत के लिए 245 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 32 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, लेकिन सचिन (96) ने कप्तान उदय सहारन (81) के साथ पांचवें विकेट के लिए 171 रन की शानदार साझेदारी कर टीम की जीत की नींव रखी. उनकी इस पारी से भारत लगातार पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा. 
कोच को याद आया बचपन 
सचिन के करियर के शुरुआती दिनों में आकार देने वाले बीड के सबसे लोकप्रिय कोच में से एक शेख अजहर ने कहा, ‘हमारे पास यहां (बीड में) केवल आधी पिचें (लगभग 11 गज) हैं. सचिन साढ़े चार साल की उम्र में अपने पिता के जब यहां आए थे तब उन्होंने भी आधी पिचों पर ट्रेनिंग शुरू की थी.’ बता दें कि इस खिलाड़ी का नाम महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम पर है. वह मैदान पर तेंदुलकर की तरह 10 नंबर के साथ जर्सी पहनते हैं. हालांकि, वह विराट कोहली के फैन हैं. 
मां नहीं चाहती थीं बेटा क्रिकेटर बने 
सचिन धास की पुलिस अधिकारी मां नहीं चाहती थीं कि बेटा क्रिकेट पर ध्यान दे, लेकिन उनके पिता जानते थे कि वह इस खेल के लिए ही बना है. पिता ने बताया, ‘उसकी मां पुलिस में है तो वह बहुत अनुशासित है. एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उनके काम के घंटे तय नहीं हैं और वह कभी नहीं चाहती थीं कि सचिन का पूरा ध्यान क्रिकेट पर रहे. इस बात को लेकर बीच मतभेद थे लेकिन मैं जानता था कि मेरा बेटा क्रिकेटर ही बनेगा.’ पिता ने आगे हंसते हुए कहा, ‘धीरे-धीरे वह समझ गई और अब ड्यूटी के बीच में अपने फोन पर वर्ल्ड कप के मैच देखती है.’ 
पिता को था यकीन 
सचिन के पिता संजय धास ने बताया, ‘जब 2005 में उसका जन्म हुआ तो मैंने उनका नाम सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा फैन था, लेकिन वह विराट कोहली को भी बहुत पसंद करता है. सचिन का कोई दोस्त नहीं है. मैं ही उसका दोस्त हूं.  वह किसी शादी, किसी जन्मदिन में कहीं नहीं गया. मैंने ऐसा कुछ नहीं करने दिया जिससे उसका ध्यान क्रिकेट से हटे.’ 
जमकर अभ्यास करते हैं सचिन   
सचिन के पिता संजय के पास बेटे की शानदार पारी के लिए बधाई देने के लिए लगातार फोन कॉल आ रहे थे. सचिन की मां सुरेखा 2010 में महाराष्ट्र पुलिस से जुड़ी और वह अब सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर हैं. सचिन के अभ्यास के घंटों के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा, ‘वह सुबह चार घंटे और शाम को साढ़े तीन घंटे अभ्यास करता है. इसमें जिम का समय भी शामिल है. मुझे कोच अजहर को श्रेय देना चाहिए. उनके बिना हमने यह दिन नहीं देखा होता.’
(एजेंसी इनपुट के साथ)



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