ओलिवर फ्रेड्रिकलखनऊ. प्रयागराज के धूमनगंज पुलिस थाना क्षेत्र में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल मर्डर केस (Umesh Pal Murder Case) में वांछित बमबाज खूंखार अपराधी गुड्डू मुस्लिम सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस के राडार पर भी यही गैंगस्टर है जो फोटो में सफेद शर्ट पहने और मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा हुआ है. इसी गुड्डू ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और यह कभी आम छात्रों जैसा नहींं था जो अब दिन-दहाड़े बीच बाजार में बम फेंकने और हत्या करने वाला मोस्ट वांटेड बन गया है. उमेश पाल हत्याकांड में आरोप है कि गुड्डू मुस्लिम ने उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा पुलिसकर्मी पर बम फेंके. इसी हत्याकांड में माफिया से नेता बना अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed), उसकी पत्नी शाइस्ता, उसके बेटों और अन्य को आरोपी बनाया गया है.
हत्या के कथित सीसीटीवी फुटेज में गुड्डू मुस्लिम और अन्य लोगों को पाल पर हमला करते हुए दिखाया गया है. उमेश पाल 2005 में हुई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या मामले का अहम गवाह था. इस हत्या मामले में अतीक अहमद आरोपी है. 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी, पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बृज लाल ने कहा कि गुड्डू को बमबाज गुड्डू और गुड्डू मुस्लिम के नाम पुकारा जा रहा है. दरअसल यह गुड्डू इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अपने कॉलेज के दिनों से इसी नाम से पहचाना जाता है. उसका जन्म भी प्रयागराज में हुआ है और वह यहीं पला-बढ़ा है. 1990 के दशक में उसका नाम सामने आया था. बृज लाल ने कहा कि ‘ मैंने अपने करियर की शुरुआत प्रयागराज से की थी. मैं वहां सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और फिर एसपी ग्रामीण के पद पर तैनात था. उस वक्त अतीक और गुड्डू मुस्लिम कम जाने-पहचाने नाम हुआ करते थे, लेकिन बाद में दोनों अपराध की दुनिया में उतरे. उस समय, गुड्डू अतीक के खेमे का हिस्सा नहीं था.
बिजली की गति से कच्चे बम बनाने और मारने में है एक्सपर्टसेवानिवृत्त आईजी राजेश पांडे ने बताया कि गुड्डू की खासियत है कि वह बहुत तेजी से बम बना सकता है. कच्चे बम बनाने में उसे महारत हासिल है और वह बाइक चलाते हुए या भागते हुए भी बम बना सकता है. गुड्डू ने बंगाल से बम बनाना सीखा था और किसी कच्चे बम को बनाने में उसे एक या दो मिनट लगते हैं. वह इतना खूंखार है कि वह अपनी जेब में रखे कच्चे माल से कच्चा बम बनाने और उसे फेंकने में कुछ सेकंड ही लेता है. बिजली की गति से बम बनाने वाले इस शातिर बमबाज अपराधी ने उसे गैंगस्टरों के बीच नया नाम मिला. गुड्डू लगातार अपराध करते रहा है और बीते 3 दशकों से वह यूपी में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है.
आपके शहर से (लखनऊ)
उत्तर प्रदेश
UP Board Academic Calendar: 2024 में कब होगी यूपी बोर्ड परीक्षा? चेक करें एग्जाम कैलेंडर
योगी सरकार का बड़ा फैसला! सांड और नीलगाय के हमले में चोटिल होने पर मिलेगा मुआवजा, जानें कितना
लालू यादव से मिलने मीसा भारती के घर पहुंचीं डिंपल यादव, योगी आदित्यनाथ सरकार को इस मुद्दे पर घेरा
Success Story: बीटेक किया, 30 लाख सैलरी वाली जॉब छोड़ी, घर बेचकर शुरू की समोसे की दुकान, 12 लाख कमाई हर दिन
KVS Admission 2023: यूपी में हैं 118 केंद्रीय विद्यालय, आप ऐसे करा सकते हैं बच्चों का एडमिशन
News18 Impact: योगी सरकार ने दी किसानों को बड़ी राहत, सभी कोल्ड स्टोरेज पर उद्यान विभाग के अधिकारी तैनात
SDM Vs Tehsildar: SDM और तहसीलदार में क्या होता है अंतर, कौन है ज्यादा पावरफुल? जानिए काम करने के तरीके
Agra-Lucknow Expressway: सड़क हादसे में मारे गए 4 युवकों के शव पहुंचे गांव, हर तरफ पसरा मातम
Top Universities in UP: ये हैं यूपी के टॉप विश्वविद्यालय, एडमिशन से पहले नोट कर लें रैंकिंग
प्लेन के बाद अब ट्रेन! नशे में धुत्त TTE ने महिला के सिर पर किया पेशाब, पहुंचा जेल, नौकरी भी गई
चीन-पाकिस्तान की साजिश को चकनाचूर करेंगे लखनऊ में बने ड्रोन! सुनिए ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ की जुबानी
उत्तर प्रदेश
कालेज से ही अपराध करने लगा था गुड्डू, बड़े माफियाओं से रहे संबंधपांडे ने कहा कि उसकी कुख्यात गतिविधियों और अपराधियों के साथ संबंध से तंग आकर उसके पिता मोहम्मद सफीक ने उसका दाखिला लखनऊ विश्वविद्यालय में करा दिया था, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. ‘गुड्डू का नाम पहली बार 1977 में लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज के एक पीटी (शारीरिक प्रशिक्षण) शिक्षक फ्रेड्रिक गोम्स की हत्या में सामने आया था. अपराध करने के बावजूद, पुलिस उसे दोषी साबित करने में विफल रही. गुड्डू तब फैजाबाद के एक हिस्ट्रीशीटर सत्येंद्र सिंह के गिरोह का हिस्सा था, जो 1996 में एक अन्य खूंखार गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ गैंगवार में मारा गया था.
सीबीआई भी कर चुकी है गुड्डू को चार्जशीटगुड्डू के गोरखपुर में शिफ्ट होने से पहले हुसैनगंज इलाके में ओसीआर बिल्डिंग (लखनऊ) में रहता था, जहां उसकी मुलाकात गोरखपुर के एक अन्य माफिया परवेज टाडा से हुई, जिसके लिए वह कच्चे बम बनाता था. हालांकि, 1998 में श्रीप्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर के बाद, पुलिस ने कहा था कि गुड्डू बिहार चला गया और बिहार के डॉन उदयभान से हाथ मिला लिया और अपराधों को अंजाम देने के लिए अक्सर यूपी का दौरा करता था. 2001 में यूपी पुलिस ने उन्हें पटना में गिरफ्तार किया, लेकिन उसे जमानत मिल गई थी. इसके बाद वह अतीक अहमद के खेमे में शामिल हो गया था, गुड्डू को 2019 में राजू पाल की हत्या में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा चार्जशीट भी किया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Mafia Atiq Ahmed, Murder case, UP policeFIRST PUBLISHED : March 15, 2023, 18:43 IST
Source link