अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विपक्ष ने केन्द्र सरकार की आलोचना की है. इतना ही नहीं असदुद्दीन ओवैसी ने तो विवादित बयान दिया है. ओवैसी ने कहा है कि 6 दिसंबर के दिन को जो लोग भूल जाने को कहते हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं ‘तुम, तुम्हारे बाप या मां की मौत को भूल सकते क्या?’ वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि धर्म और सरकार का सीमांकन करने वाली रेखा ‘दिन पर दिन क्षीण’ होती जा रही है.
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की न्याय भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा है कि किसी को भी भगवान के दर्शन करने से रोकने से बड़ा अधर्म और क्या हो सकता है.असम में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में जाने की अनुमति नहीं मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि क्या केन्द्र सरकार करेंगी कि मंदिर में कौन जाएगा. हैबरगांव में अधिकारियों ने राहुल गांधी को बोरदुआ में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सहित कई पार्टी नेताओं ने धरना दिया. राहुल गांधी को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हैबरगांव में रोक दिया गया और आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई. कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सोमवार को अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करने से पहले स्थानीय देवता की पूजा करना चाहते थे.
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को संपन्न करने के सीएम विजयन ने एक संदेश में कहा कि वह समय आ गया है जब देश में एक धार्मिक स्थल के उद्घाटन को एक राजकीय कार्यक्रम के तौर पर मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह उस परिपाटी से अलग है जिसमें हमारे संवैधानिक पदाधिकारियों को धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने से आगाह किया गया है, क्योंकि यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में हमारी साख पर सवाल उठाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अकसर कहते थे कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता का अर्थ धर्म और सरकार को अलग करना है. विजयन ने कहा कि हमारे पास उस अंतर को बनाए रखने की एक मजबूत परंपरा भी है. हालांकि, हाल ही में धर्म और सरकार का सीमांकन करने वाली रेखा लगातार क्षीण होती जा रही है. उन्होंने कहा कि इसलिए जिन लोगों ने भारत के संविधान को बनाए रखने की शपथ ली है, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश में प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से अपने धर्म को मानने का अधिकार मिले.
विजयन ने कहा कि साथ ही, हम किसी एक धर्म को अन्य सभी से ऊपर प्रोत्साहित नहीं कर सकते, या किसी एक धर्म को दूसरे धर्म से कमतर नहीं आंक सकते. वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य की आत्मा है और हमारे राष्ट्रीय आंदोलन के दिनों से ही एक राष्ट्र के रूप में हमारी पहचान का हिस्सा रही है. उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों से जुड़े लोगों और जो किसी भी धर्म को नहीं मानते, उन्होंने भी हमारे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था. यह राष्ट्र समान रूप से सभी लोगों और भारतीय समाज के सभी वर्गों का है.
.Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandirFIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 19:24 IST
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