तिरुपति के प्रसाद में चर्बी की मिलावट, भड़के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य, मंदिर को दी ये नसीहत

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तिरुपति के प्रसाद में चर्बी की मिलावट, भड़के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य, मंदिर को दी ये नसीहत

अयोध्या. आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं के घी में कथित तौर पर मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिले होने की बात सामने आने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. लड्डू पर विवाद के बाद देश भर के बड़े मंदिरों में बनने वाले प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं. गौरतलब है कि प्रसाद बनाने के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर हर साल करीब 5 लाख किलो और हर महीने 42000 किलो घी बाजार से खरीदता है. दावा किया जा रहा है कि इस घी का बनाने में मछली का तेल, नारियल, पाम ऑयल, बीफ टैलो, जैसे तत्व पाए गए हैं. तिरुपति मंदिर के विवाद पर उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी बयान दिया है. आज अयोध्या पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लोकल 18 से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा भी की और खुलकर अपना पक्ष रखा.शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिस भी व्यक्ति ने घी में मिलावट की है जांच होनी चाहिए. उसने बहुत बड़ा अपराध किया है. इस अपराध को करने वाला व्यक्ति कौन है? उसकी मंशा क्या है? इसकी जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए. इतना ही नहीं तिरुपति मंदिर पर भी कटाक्ष करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू समाज ने तिरुपति मंदिर को इतना धन दान दिया दिया है. मंदिर प्रशासन को अच्छी नस्ल की गाय खरीद कर. उसके दूध से खुद घी बनाकर और उस घी से भगवान का भोग लगाना चाहिए.लाखों लोगों के साथ हुआ छलशंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या में भी एक लाख लड्डू तिरुपति से आया था. तिरुपति के प्रसाद में बीफ और मछली के तेल की मिलावट कब से हो रहा है, यह अभी तक पता नहीं है. सरकार गंभीरता से इस मामले की जांच करें. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी 1 लाख लड्डू वहां से आया था. 1 लाख लड्डू एक व्यक्ति नहीं खा सकता. प्राण प्रतिष्ठा का प्रसाद लाखों लोगों ने खाया होगा.अब लोग सोच रहे हैं कि उनकी पवित्रता खंडित हो गई.FIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 17:33 IST

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