आदित्य कृष्ण/अमेठीःजीवन में कई मुसीबतें आती हैं. इन मुसीबत से कोई हार जाता है तो कोई उनका डटकर मुकाबला करता है. कुछ ऐसे ही कहानी है अमेठी में एक शिक्षिका की.शिक्षिका शिल्पी सिंह पैरों से दिव्यांग हैं, उसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. वह चल फिर नहीं सकती. लेकिन उन्होंने अपने जज्बे को जिंदा रखा है. वह बच्चों को पढातीहैं. खास बात यह है की विद्यालय में पढाने के साथ-साथ में बच्चों को गांव में भी जाकर निशुल्क शिक्षा देती हैं. अब ऐसे में शिल्पी सिंह ने एक अलग मिसाल पेश की है और हर कोई उनकी तारीफ करने से नहीं थक रहा.
शिल्पी सिंह अमेठी जनपद की रहने वाली हैं. अमेठी जिले के गौरीगंज के प्राथमिक विद्यालय टिकरिया में बतौरसहायक अध्यापक के पद पर शिल्पी सिंह तैनात हैं. शिल्पी सिंह बच्चों को स्कूल में पढ़ने के साथ-साथ स्कूल में छुट्टी होने के बावजूद गांव गांव जाकर बच्चों को क्लास लगाकर पढ़ती हैं. उन्हें विषय से हटकर सामान्य ज्ञान से लेकर इतिहास भूगोल और अन्य विषयों की जानकारी देती हैं.
हादसे में चला गया था पैरआपको बता दें कि शिल्पी सिंह का 3 वर्ष पहले एक हादसे में पैर चला गया. लेकिन उसके बाद भी शिल्पी सिंह ने हार मानने की बजाय व्हीलचेयर का सहारा लिया और अपने जीवन में कुछ करने की ठानी और आज शिल्पी सिंह अपनी इसी जिंदगी को एक बेहतर ढंग से जी रही है.
नहीं होती समस्या सभी का मिल रहा सहयोगशिल्पी सिंह बताती है उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती. उन्हें यहअपनी जिम्मेदारी लगती है और जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं. उन्हें कोई कमी नहीं लगती. बच्चे सहयोग करते हैं. अध्यापक सहयोग करते हैं इसके साथ ही घर वाले भी उनका भरपूर सहयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि घर बैठने के बजाय कुछ करना ही सबसे बेहतर है.
.Tags: Amethi news, Local18FIRST PUBLISHED : January 21, 2024, 14:47 IST
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