This one thing is causing 1 point 5 million deaths in India study reveals your life is also in danger | इस एक चीज से भारत में हो रही हर साल 15 लाख मौत, स्टडी में हुआ खुलासा, आपकी जान भी खतरे में!

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This one thing is causing 1 point 5 million deaths in India study reveals your life is also in danger | इस एक चीज से भारत में हो रही हर साल 15 लाख मौत, स्टडी में हुआ खुलासा, आपकी जान भी खतरे में!



एक हालिया शोध में यह पता चला है कि भारत में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम 2.5) की बढ़ी मात्रा से मृत्यु दर तेजी से बढ़ रहा है. यह स्टडी लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और इसमें कहा गया है कि हर 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 2.5 बढ़ने से मृत्यु दर 8.6 प्रतिशत तक बढ़ा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित पीएम 2.5 के स्तर से अधिक प्रदूषण के संपर्क में रहने से भारत में हर साल लगभग 15 लाख लोगों की मौत होती है. यह स्टडी भारत में वायु प्रदूषण के प्रभावों को समझने और इस पर काबू पाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत को दर्शाता है. 
वायु प्रदूषण और मृत्यु दर का कनेक्शन
भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है, और इसका असर न केवल पर्यावरण पर, बल्कि इंसान के अस्तित्व पर भी दिख रहा है. भारत में अधिकांश क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर इस सीमा से कहीं अधिक है. यह अध्ययन बताता है कि भारत में 1.4 बिलियन लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां वायु प्रदूषण स्तर WHO की सिफारिशों से कहीं अधिक है, और इसी कारण हर साल लगभग 15 लाख मौतें होती हैं.
स्टडी का निष्कर्ष 
अशोका यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता सुगंती जगनाथन ने इस शोध को लेकर कहा कि भारत में पीएम 2.5 के उच्च स्तर के कारण मृत्यु दर में तेजी आयी है. अध्ययन के दौरान 2009 से 2019 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि इन दस वर्षों में कुल मौतों का 25 प्रतिशत (लगभग 1.5 मिलियन मौतें) पीएम 2.5 के उच्च स्तर के कारण हुईं. इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAQS) से ऊपर पीएम 2.5 के कारण भी हर साल 0.3 मिलियन मौतें होती हैं.
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आवश्यक कदम और सुझाव
हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर जोएल श्वार्ट्ज ने इस शोध को लेकर कहा कि दिल्ली भले ही मीडिया में ज्यादा हाईलाइट हुई हो, लेकिन यह समस्या पूरे भारत में है. इसके समाधान के लिए पूरे देश में एक साथ कदम उठाने की आवश्यकता है. इसमें कोयला जलाने वाले बिजली संयंत्रों में सुधार लाना, फसल जलाने को कंट्रोल करना और जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए तुरंत उपाय करने होंगे.
-एजेंसी-



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