आशीष त्यागी/बागपतःबागपत में स्थित माता मंदिर का पांडव कालीन इतिहास है. यहां पांडवों ने पहुंचकर मंदिर की स्थापना की थी और यहां पूजा अर्चना की थी. तभी से इस मंदिर की अलग ही मान्यता है.देश के प्रत्येक अलग-अलग स्थान से यहां लोग पहुंच कर पूजा अर्चना करते हैं और यहां पूजा अर्चना करने वाले सभी लोगों की मुराद पूरी होती है.भक्तों की मुराद पूरी होने पर यहां भंडारे और प्रसाद का वितरण किया जाता है.
माता मंदिर कमेटी के संरक्षक बिसंबर दयाल ने बताया कि पांडव कालीन इस मंदिर का अलग इतिहास है. यहां मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. माता रानी के दरबार में जो भी भक्त आकर अपनी मुराद माता रानी के चरणों में रखता है, तो माता रानी उसकी मुराद जरूर पूरी करती है. यह मंदिर पांडवों ने बनवाया था. यहां दिल्ली, हैदराबाद, मद्रास, राजस्थान व अन्य स्थान से माता रानी के भक्त पहुंचते हैं. यहां पर श्रद्धा अनुसार प्रत्येक तरह का प्रसाद माता रानी को चढ़ाया जाता है. इस मंदिर कमेटी में 11 लोग हैं, जो समय-समय पर मंदिर का सौंदर्य करण करते हैं.
भक्तों के हर कष्ट होते है दूरबिसंबर दयाल ने बताया कि माता रानी के इस मंदिर में भक्तों की मुराद जरूर पूरी होती है.यहां भक्तों के हर कष्ट का निवारण होता है. इस मंदिर में प्रत्येक देवी देवताओं की मूर्ति मौजूद हैं.यह माता रानी का मंदिर भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है.आसपास के लोगों के सहित देश के प्रत्येक कोने से यहां लोग पहुंचते हैं.
.Tags: Hindi news, Local18, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 15:40 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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