विशाल झा/गाज़ियाबाद: अक्सर आपने सुना होगा कि गरीब मजदूरों के बच्चे या तो स्कूल जाते नहीं है और अगर स्कूल जाते भी हैं, तो उन विद्यालयों में पढ़ते है जहां शिक्षक नहीं आते हैं और विद्यालय परिसर भी जर्जर हालत में पड़ा होता है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही अटल आवासीय विद्यालय योजना श्रमिकों के बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. या यूं कह लें कि अटल आवासीय विद्यालय के अंतर्गत आने वाले स्कूल गरीबों का ऑक्सफोर्ड भी है. बड़े और महंगे प्राइवेट स्कूलों की इमारत और शैक्षिक गुणवत्ता को टक्कर देने वाले इन विद्यालयों में पढ़ने के लिए प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है. इस बार यह परीक्षा 25 फरवरी को आयोजित की गई है.
गाजियाबाद के डिप्टी लेबर कमिश्नर अनुराग मिश्र बताते हैं कि यह विद्यालय 18 मंडलों में हैं. इन 18 मंडलों के सभी मुख्यालय में एक आवासीय अटल विद्यालय स्थापित किया गया है. मेरठ मंडल के अंतर्गत बुलंदशहर में कोंदू गांव में विद्यालय चल रहा है, जिसमें उसका पहला बैच जो था वो पिछले ही साल का था. इनमें मजदूरों के बच्चे, कोविड से अनाथ बच्चे या फिर मुख्यमंत्री बाल सेवा के अंतर्गत रजिस्टर्ड बच्चों को क्लास छठी से लेकर 12वीं क्लास तक निशुल्क शिक्षा मिलती है और रहने की व्यवस्था भी दी जाती है. जिसमें बच्चों के मानसिक विकास को भी ध्यान में रखते हुए कई प्रकार की एक्टिविटी की जाती है.
633 बच्चों ने आवेदन कियाअटल आवासीय विद्यालय स्कूल के पहले सत्र में 80 बच्चों का एडमिशन हुआ था मेरठ मंडल से. 25 फरवरी को प्रवेश परीक्षा हो रही है. जिसमें गाजियाबाद के कवि नगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री सैनिक सेकेंडरी स्कूल में यह परीक्षा हो रही है. इसी तरीके से सभी जनपदों में यह परीक्षा हो रही है. मंडल से अब तक 633 बच्चों ने आवेदन किया गया है, जो बच्चे अच्छी तैयारी के साथ इस परीक्षा को क्वालीफाई करेंगे उनका इस स्कूल में एडमिशन होगा और उनके आगे की सारी पढ़ाई श्रम विभाग की तरफ से करवाई जाएगी.
.Tags: Education, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 14:29 IST
Source link