सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: फसलों में लगातार बढ़ता हुआ कीटनाशक का उपयोग मानव जीवन के लिए हानिकारक साबित हो रहा है. कीटनाशक की वजह से कई लाईलाज बीमारियां जन्म ले रही हैं. जिसकी वजह से लोग समय से पहले काल के गाल में समा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि खेतों में कम से कम कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाए. वहीं सरकार भी लगातार किसानों को जैविक खेती की लिए प्रोत्साहित कर रही है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के वैज्ञानिक डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान रासायनिक कीटनाशकों की जगह पर जैविक कीटनाशक ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे फसलों में लगने वाले कीड़ों, बड़ी सुंडी और इल्लियों का नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है. यह ब्रह्मास्त्र किसानों के लिए बेहद ही सस्ता और उपयोगी साबित होता है. इससे तैयार होने वाली फसल भी की पौष्टिकता भी बेहतर होती है.
ऐसे तैयार करें ब्रह्मास्त्रडॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि 10 लीटर गोमूत्र और दो-दो किलोग्राम नीम, करंज, सीताफल और धतूरे के पत्तों को अच्छी तरह से पीस लें. उसके बाद एक बर्तन में डालकर धीमी आंच पर दो से तीन उबाल आने तक पकाएं. उसके बाद इसको 2 दिन के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दें. ठंडा होने के बाद इसको कपड़े से छानकर किसी बर्तन में भर लें. बाद में आवश्यकता पड़ने पर 100 लीटर पानी में दो से ढाई लीटर ब्रह्मास्त्र मिलकर फसलों पर छिड़काव कर दें.
6 महीने तक कर सकते हैं इस्तेमालडॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि एक बार तैयार किया हुआ ब्रह्मास्त्र को डिब्बों में भरकर छाया में रख दें. यह ब्रह्मास्त्र 6 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल करने से फलों और सब्जियों की पौष्टिकता बरकरार रहती है. इतना ही नहीं फलों और सब्जियों की चमक के साथ-साथ स्वाद भी बेहतर होता है.
.Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : February 28, 2024, 13:26 IST
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