Brain Stroke Causes And Prevention: आजकल की भाग दौड़ भरी लाइफ में युवा तेजी से ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं. इसका सबसे मुख्य कारण गड़बड़ लाइफस्टाइल, खराब खानपान है. पहले आमतौर पर ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले लोगों में ही होती थी. लेकिन अब यह बीमारी युवाओं में आम हो रही है. दरअसल, कई वजहों से हमारे दिमाग में खून पहुंचाने वाली नसों में रुकावट पैदा हो जाती है, जिससे खून आगे नहीं बढ़ पाता है और स्ट्रोक की समस्या हो जाती है.
ब्रेन स्ट्रोक के कारणों का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इसका रिस्क कब, क्यों और किसे ज्यादा होता है, ये आज हम जानेंगे. कुछ डॉक्टर्स के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक के होने का पता आप भी लगा सकते हैं, इसके लिए बस कुछ कारण और लक्षणों को पहचानने की जरूरत है. ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क किसे कितना है, और इससे किस तरह बचाव किया जा सकता है, ये हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे…
ब्रेन स्ट्रोक का ऐसे लगाएं पता 1. अगर आपका बीपी अचानक बढ़ जाता है, तो इससे ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क हो सकता है.2. यदि आप स्मोकिंग या शराब का सेवन करते हैं, तो भी ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क ज्यादा है.3. अगर आपको देर रात तक जागने की आदत है और आप मोबाइल, लैपटॉप से देर रात तक चिपके रहते हैं, तो इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.4. अधिक फास्ट फूड और जंक फूड खाने वाले लोगों को और खानपान में अधिक तेल, मसाला आदि का सेवन करने वाले लोगों को भी ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क रहता है.5. अगर आप रेगुलर जॉगिंग, योगा या एक्सरसाइज नहीं करते हैं, तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.6. शुगर और बीपी के मरीज, जो इस पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं, उन्हें ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क रहता है.
ऐसे करें ब्रेन स्ट्रोक से बचावब्रेन स्ट्रोक की बीमारी में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज सबसे अधिक कॉमन है. इसलिए खाने-पीने में लापरवाही न बरतें. फास्टफूड और प्रीजर्वेटिव फूड खाने से बचें. वहीं अपनी जीवन शैली में सुधार करें. देर रात तक जागने की आदत को बदलें. इससे आपकी नींद पूरी नहीं होती है और दिमाग में कई तरह की उलझनें बढ़ जाती हैं. ये हाईपरटेंशन, स्ट्रेस और अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है. जिन लोगों में बीपी का स्तर अचानक से ऊपर-नीचे होता है, उन्हें स्ट्रोक हो सकता है. अगर आप चाहते हैं, कि आप इस खतरनाक बीमारी की चपेट में न आएं, तो नियमित एक्सरसाइज करें, खानपान दुरुस्त रखें और 35 वर्ष के ऊपर आयु वाले लोग तीन महीने पर नियमित शारीरिक जांच कराएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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