High Blood Pressure: आजकल की लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते अधिकांश लोग हाई बीपी के मरीज हो गए हैं. अनहेल्दी खान-पान हमारे शरीर में बीमारियों का कारण बनता है. हाई ब्लड प्रेशर होने का भी यही बड़ी वजह है. जिसकी वजह से अन्य कई गंभीर बीमारियां जैसे हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी डिजीज. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी और सही बदलाव से हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. आइए आज जानते हैं, डेली रुटीन में आपको किन चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे आप हाई बीपी का शिकार होने से बच सकते हैं.
1. बैरीज- ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिसे एंथोसायनिन कहा जाता है. इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात मिल सकता है. अगर आप एंथोसायनिन का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो हाई ब्लड प्रेशर का खतरा करीब 8 प्रतिशत तक कम हो सकता है. यह करीब 14 साल से हाइपरटेंशन के पीड़ितों पर हुई एक स्टडी में बताया गया.
2. केला- केले में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. जिससे हाइपरटेंशन की बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. एक मीडियम साइज के केले में करीब 422 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पोटैशियम शरीर में सोडियम से होने वाले नुकसान को कम कर रक्त वाहिकाओं को दुरुस्त रखता है. ऐसे में हाई बीपी के पेशेंट्स केले का नियमित सेवन कर सकते हैं.
3. डार्क चॉकलेट- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज डार्क चॉकलेट खा सकते हैं. हालांकि, इसे खाना थोड़ा कठिन है, क्योंकि ये स्वाद में कड़वी होती है. बता दें, डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले कोकोआ में एक एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनॉयड पाया जाता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में सहायक है.
4. कीवी- एक स्टडी के अनुसार, कीवी का रोजाना सेवन करने पर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलेगा. एक रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना करीब 3 कीवी या सप्ताह में करीब 8 कीवी खाने वाले लोगों में ब्लड प्रेशर की समस्या सामान्य लोगों की तुलना में कम होती है.
5. तरबूज- तरबूज गर्मियों के सीजन में खाया जाने वाला फल है. जाहिर है कि, इसे आप केलव गर्सियों में ही खा सकते हैं, क्योंकि सर्दियों में ये बाजार न के बराबर दिखता है. तरबूज हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर रखने में कारगर माना गया है. तरबूज में सिट्रूलीन नाम का एक अमीनो एसिड पाया जाता है. हमारा शरीर सिट्रूलीन को अर्जीनाइन में बदल देता है, जिससे शरीर में नाइट्रिक ऊर्जा का प्रोडक्शन होता है.
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