There will be about 3 million cases of incurable disease Parkinson worldwide by 2033 Report | 2033 तक दुनिया भर में लाइलाज बीमारी पार्किंसन के 3.15 मिलियन मामले होंगे: रिपोर्ट

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There will be about 3 million cases of incurable disease Parkinson worldwide by 2033 Report | 2033 तक दुनिया भर में लाइलाज बीमारी पार्किंसन के 3.15 मिलियन मामले होंगे: रिपोर्ट



आने वाले सालों में पार्किंसंस बीमारी के मामलों में तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है. 2023 में 2.64 मिलियन मामलों से यह संख्या 2033 तक 3.15 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है. इस दौरान, रोगियों की संख्या में वार्षिक वृद्धि दर 1.94 प्रतिशत रहने की संभावना है. 
ग्लोबल डाटा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वृद्धि विशेष रूप से सात प्रमुख देशों — अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और जापान — में देखने को मिलेगी. इस बीमारी के मामलों में वृद्ध वयस्कों का हिस्सा प्रमुख रहेगा, और आने वाले दशक में यह बीमारी अधिक वृद्ध आबादी वाले देशों के लिए चुनौती बन सकती है.
पार्किंसन के बढ़ते मामले
ग्लोबल डाटा के वरिष्ठ महामारी विज्ञानी राहुल एन रवि के अनुसार, पार्किंसन रोग मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करता है. रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 2023 में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों में पार्किंसन के मामलों का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होगा. वहीं, 18-39 वर्ष के वयस्कों में केवल 1 प्रतिशत से भी कम मामले होंगे.
महिलाओं से ज्यादा पुरुष प्रभावित
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पार्किंसन बीमारी के मामलों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में थोड़ी अधिक होगी. यह अंतर लिंग गुणसूत्रों से संबंधित हो सकता है, और इस पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
क्या है पार्किंसन बीमारी?
पार्किंसन एक लाइलाज न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जिसे चिकित्सा दृष्टि से एक आंदोलन विकार के रूप में वर्गीकृत किया गया है. यह बीमारी अल्जाइमर के बाद बुजुर्गों में होने वाला दूसरा सबसे सामान्य क्रॉनिक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है.
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पार्किंसन के लक्षण
इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में कंपन, मांसपेशियों में कठोरता और शारीरिक संतुलन की समस्या शामिल हैं. वर्तमान में इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, और इलाज केवल इसके लक्षणों से राहत प्रदान करता है.
बुजुर्ग आबादी के लिए चुनौतियां
राहुल एन रवि का मानना है कि पार्किंसन बुजुर्ग आबादी को प्रभावित करने वाले सबसे आम क्रोनिक, प्रगतिशील न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों में से एक है. चूंकि पीडी मुख्य रूप से वृद्ध वयस्कों को प्रभावित करता है, इसलिए बढ़ती उम्रदराज आबादी वाले देशों को पार्किंसन से पीड़ित व्यक्तियों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रणनीति विकसित करनी चाहिए. 
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 
 



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