05 यह क्षेत्र गोंडा, बहराइच और बलरामपुर के बीच स्थित होने के कारण एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन गया था. उस समय अनाज, खासकर चावल, सरसों, और अलसी का व्यापार प्रमुख था। वर्तमान में यह सर्राफा और बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है.इस नामकरण की ऐतिहासिकता और 1857 के विद्रोह के दौरान लिए गए कठोर निर्णय आज भी करनैलगंज की पहचान का हिस्सा हैं, जो इसे एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान बनाता है.