रिपोर्ट- विशाल भटनागरमेरठ. आजादी के लिए अलख जगाने वाले मेरठ में सिर्फ सिपाही ही नहीं छात्र भी कम क्रांतिकारी नहीं थे. मेरठ कॉलेज का काफी नाम है. यहां से निकले विद्यार्थी देश विदेश में यहां का नाम रोशन कर रहे हैं. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि आजादी के आंदोलन में यहां के विद्यार्थियों का भी योगदान था. क्या था वो किस्सा और कैसे यहां के छात्र आंदोलन में अपना फर्ज निभा पाए. पढ़िए इस खबर में.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ कॉलेज ऐतिहासिक है. यहां के स्टूडेंट्स शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धि हासिल कर देश-विदेश में अच्छे पदों और नौकरी में हैं. ये कॉलेज अपने शुरुआती दिनों से अच्छे विद्यार्थी देश को दे रहा है. गर्व तब होता है जब आजादी के आंदोलन में यहां का जिक्र होता है. मेरठ कॉलेज के छात्रों ने अपनी पॉकेट मनी से सोने की 100 मुद्राएं खरीदकर क्रांतिकारियों को सौंप थी.
छात्रों ने गांधीजी के साथ रखा था उपवास1920 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी. इतिहासकार प्रोफेसर नवीन गुप्ता बताते हैं तब मेरठ कॉलेज के स्टूडेंट ने भी उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. वह बताते हैं कि यह भी उल्लेख मिलता है कि स्टूडेंट्स ने महात्मा गांधी को चांदी की प्लेट भी सहयोग के तौर पर सौंपी थी. जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उपवास रखा था तो उनके स्वास्थ्य के लिए भी मेरठ कॉलेज परिसर में ही विद्यार्थियों ने यज्ञ भी किया था. इसका गवाह बरगद पेड़ के नीचे बना एक स्तंभ देता है. यहां छात्रों ने यज्ञ किया था.
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बहुत पुराना है इतिहासमेरठ कॉलेज की स्थापना वर्ष 1892 में हुई थी.1893 में यहां पर पहली बार विधि विभाग की शुरुआत हुई थी.मेरठ कॉलेज वेस्ट यूपी का सबसे बड़ा कॉलेज हुआ करता था. यहां मेरठ ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के युवा भी बड़ी संख्या में पढ़ने आते थे.
.Tags: Local18, Meerut College, Republic Day Celebration, Up news todayFIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 22:58 IST
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