रिपोर्ट- धीरेन्द्र शुक्ला
चित्रकूट. पारस पत्थर से जुड़ी कई कहानियां पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. लेकिन पारस पत्थर कहा है कैसा है या किसके पास है? यह आज तक रहस्य ही बना हुआ है. यहीं नहीं कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट शहर के बीचों बीच से गुजरने वाले बनाड़ी गांव गणेश बाग नाम के स्थान पर एक तालाब के अंदर ‘परस मणि’ का रहस्य छुपा हुआ हैं. कहते है इसी पारस मणि की वजह से इस तालाब में शाम ढलते ही पानी का कलर पीले रंग का होना आज भी देखा जाता है.
इस गणेशबाग की खूबसूरती का निर्माण कार्य राजा विनायक राव ने कराया था. जिस पर तालाब कुआं पोखर और बावली का निर्माण कराकर अपने आरामगाह की जगह बनाई थी. मराठा कालीन राजा जब युद्ध के लिए जाने लगे तो कहते है कि राजा ने पारस मणि को तालाब में फेंक दिया था. तब से आज तक तालाब का पानी पीले कलर का शाम ढलते ही हो जाता है. पारस मणि पत्थर का रहस्य देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक चित्रकूट पहुंचते हैं. इस पारस मणि का शाम होते ही पानी का नजारा बदल जाता है. इसलिए लोग मानते हैं कि राजा द्वारा फेंका गया पारस मणि आज भी चित्रकूट के इस तालाब में देखा जा सकता है. शाम ढलते ही पानी का कलर बिल्कुल पीला आपको दिखाई देगा. इस बात की पुष्टि आए हुए पर्यटको ने किया है.
सुंदर मंदिर और तीन कक्ष…मराठा कालीन गणेश बाग में जो नक्काशी की गई है, वह शिव अन्य देवी-देवताओं को समर्पित करते हुए नक्काशी की गई है. एक सुंदर मंदिर और तीन कक्ष बनाए गए हैं. जिनमें से सभी अब खाली रहते हैं. इस मंदिर की सबसे दिलचस्प सिर्फ बिल्डिंग दिखाई देती है. इस बिल्डिंग में लूडो और चौपट जैसे खेलों की नक्काशी भी दिखाई गई है. खास मराठा कालीन गणेश बाग माना जाता है. जो काफी खूबसूरत जगह है.
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