सर्दियों का मौसम न सिर्फ ठिठुरन और रजाई का समय लेकर आता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी कई खतरे साथ लाता है. खासकर, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा इस मौसम में तेजी से बढ़ जाता है. हाल के दिनों में अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में चौंकाने वाली वृद्धि हुई है. डॉक्टरों के अनुसार, 40 से 58 साल की उम्र के लोगों में इस समस्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में बीपी (ब्लड प्रेशर) और शुगर के मरीजों को खास सतर्क रहने की जरूरत है. ठंड के कारण नसों जाती हैं, जिससे खून का फ्लो प्रभावित होता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. हैरानी की बात यह है कि 60% मरीज ऐसे हैं, जिन्हें पहले से कोई दिमागी समस्या नहीं थी.
ब्रेन स्ट्रोक क्या है?ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में खून का फ्लो ब्लॉक हो जाता है. यह दो प्रकार का हो सकता है- इस्केमिक स्ट्रोक और हेमरेजिक स्ट्रोक.* इस्केमिक स्ट्रोक: जब दिमाग में खून की आपूर्ति करने वाली नसों में रुकावट आ जाती है.* हेमरेजिक स्ट्रोक: जब दिमाग में नस का फट जाना ब्लीडिंग का कारण बनता है.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण पहचानें* बोलने में परेशानी: बोलते समय आवाज लड़खड़ाना या शब्दों का उच्चारण न कर पाना.* समझने में दिक्कत: दूसरों की बातों को समझने में मुश्किल होना.* सुन्नपन: चेहरे, हाथ या पैर में झनझनाहट या सुन्न महसूस होना.* सिरदर्द और चक्कर: अचानक तेज सिरदर्द, उल्टी या चक्कर आना.
कैसे करें बचाव?* यदि आप हाई बीपी या डायबिटीज के मरीज हैं, तो नियमित दवा लें और डॉक्टर से सलाह करें.* ठंड के मौसम में खुद को गर्म रखें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें.* हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम को अपनाएं.* किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत मेडिकल हेल्प लें.
डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी है? ब्रेन स्ट्रोक एक आपात स्थिति है. इसमें जितनी जल्दी उपचार शुरू हो, मरीज की जान बचने और नुकसान को कम करने की संभावना उतनी अधिक होती है. इसलिए, सावधानी बरतें और ठंड के मौसम में अपनी सेहत का खास ख्याल रखें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.