Bangladesh tour of India: भारत और बांग्लादेश के बीच 19 सितंबर से दो मैचों की टेस्ट सीरीज का रोमांच शुरू होने वाला है. चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में 19 सितंबर से 23 सितंबर तक इस टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला जाएगा. दूसरा टेस्ट मैच 27 सितंबर से 1 अक्टूबर तक कानपुर में खेला जाएगा. हर बार की तरह भारतीय टीम को ही अपने देश में टेस्ट सीरीज जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. हालांकि भारत और बांग्लादेश दोनों टीमों के पास बेहतरीन स्पिन गेंदबाज हैं, जिसकी वजह से मुकाबला कुछ हद तक बराबरी का हो सकता है. भारत इस टेस्ट सीरीज में अपने घरेलू हालात का पूरा फायदा उठाना चाहेगा, ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट दोनों टेस्ट मुकाबलों के लिए टर्निंग पिचें बनवा सकती है. बांग्लादेश के पास खतरनाक स्पिन गेंदबाज हैं, इसलिए भारत को पिच की चाल सोच समझकर चलनी होगी.
टीम इंडिया को भारी पड़ सकती है ये कमजोरी
भले ही बांग्लादेश के बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ थोड़े कमजोर हैं, लेकिन टर्निंग पिचों पर मौजूदा भारतीय टीम के बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी जग जाहिर है. श्रीलंका के खिलाफ हाल ही में खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. टीम इंडिया को इस वनडे सीरीज में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था. टर्निंग पिच बनवाना आसान है, लेकिन जब बात उस पर बल्लेबाजी की आएगी तो फिर टीम इंडिया को भी झटका मिल सकता है. मौजूदा भारतीय टीम कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली पर ज्यादा निर्भर करती है. टर्निंग पिचों पर रोहित शर्मा और विराट कोहली रन बटोरने की कला जानते हैं. इसके अलावा रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल भी स्पिनरों के खिलाफ आक्रामकता के साथ निपटना जानते हैं. हालांकि इस टीम में ज्यादातर बल्लेबाज ऐसे भी हैं तो फिरकी के जाल में फंस सकते हैं.
बांग्लादेश कैसे जीत सकता है टेस्ट सीरीज?
बांग्लादेश के गेंदबाज अगर इस टेस्ट सीरीज में विराट कोहली और रोहित शर्मा के बल्ले को खामोश रखने में कामयाब रहते हैं तो फिर यह टीम इतिहास रच सकती है. भारत में होने वाली टेस्ट सीरीज में पहली बार कोई उलटफेर देखने को मिल सकता है. बता दें कि आखिरी बार टीम इंडिया अपने ही देश में टेस्ट सीरीज साल 2012 में हारी थी. भारतीय सरजमीं पर इंग्लैंड ने टीम इंडिया के खिलाफ साल 2012 में खेली गई चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी. साल 2012 में खेली गई टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के बल्ले पर अंकुश लगाए रखा. उस टेस्ट सीरीज में ज्यादातर मौकों पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के फ्लॉप होने से भारतीय टीम को नुकसान झेलना पड़ा था. वहीं, इंग्लैंड की तरफ से तत्कालीन कप्तान एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन रनों की बरसात कर रहे थे. एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन ने उस सीरीज में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को बेअसर साबित कर दिया था.
टीम इंडिया को रहना होगा सतर्क
बांग्लादेश के गेंदबाज अगर रोहित शर्मा और विराट कोहली को जल्दी आउट कर लेते हैं तो फिर पूरा दबाव उन बल्लेबाजों पर आ जाएगा जो टर्निंग पिचों पर ज्यादा रन बनाने में नाकाम रहे हैं. अगर भारत टर्निंग पिचों पर खेलता है तो फिर शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ जूझते नजर आ सकते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ इस साल की शुरुआत में खेली गई टेस्ट सीरीज में शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज स्पिन के सामने कमजोर नजर आए थे. हालांकि यशस्वी जायसवाल ने 700 से ज्यादा रन बनाकर अपना टैलेंट दिखाया था. बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी यशस्वी जायसवाल का बड़ा रोल होगा. शाकिब अल हसन और मुश्फिकुर रहीम जैसे बांग्लादेश के स्टार क्रिकेटर अगर भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में आक्रामक अंदाज में रन बनाने में कामयाब रहे तो बांग्लादेशी टीम के लिए भारत में टेस्ट सीरीज जीतने का मौका हो सकता है.