रिपोर्ट- सुमित राजपूत
नोएडा: एक्सपोर्ट, मेड-अप और होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल (AMHSSC) ने ब्लूसाइन टेक्नोलॉजीज के सहयोग से इंडियन एक्सपोर्ट सेक्टर में टिकाऊ कपड़ों को बढ़ावा देने के लिए एक अल्पकालिक ई-लर्निंग कोर्स ‘फाउंडेशन टू अपैरल सस्टेनेबिलिटी’ लॉन्च किया है. यह कोर्स 8 महीने का होगा. इसमें एक्सपोर्ट और टेक्सटाइल्स के व्यापारियों को आगामी एनवायरमेंट इकोफ्रेंडली कपड़े को कैसे बढ़ावा मिले और बनाया जाएगा, ये सब जानकारी होगी. वहीं ब्लू साइन बताएगा कि कपड़े का यूज वातावरण के लिए कितना हानिकारक है और कितना फायदेमंद है. कपड़े में रॉ मटेरियल और फिर डिजाइन के लिए कितना कलर किस केटेगिरी का डाल सकते हैं ताकि जूट और कॉटन का कपड़ा हमारे वातावरण को खराब न करे.
ब्लूसाइन से दुनियाभर में मिलेगी अलग पहचानआपको बता दें कि एक्सपोर्ट, मेड-अप और AMHSSC उद्योग में कौशल विकास को आगे बढ़ाता है. ब्लूसाइन एनवारमेंट और सामाजिक प्रभावों को कम करने के लिए ब्रांड्स या निर्माताओं और एक्सपोर्टर्स के साथ काम करते हुए सस्टेनेबल टेक्सटाइल्स के लिए नियम बनाया है. AMHSSC ने ब्लूसाइन टेक्नोलॉजी के सहयोग से भारतीय इंडियन एक्सपोर्ट और टेक्सटाइल्स क्षेत्र में सस्तेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के लिए एक शॉर्ट टर्म ई-लर्निंग कोर्स ‘फाउंडेशन टू अपैरल सस्टेनेबिलिटी’ लॉन्च किया है.
देशभर में व्यापारियों के साथ चलाया जा रहा है अभियानइसी क्रम में एवरनेस के रूप में एएमएचएसएससी पूरे भारत में रोड शो किया. तिरुपुर, बेंगलुरु, मुंबई, जयपुर, गुरुग्राम और कलकत्ता होते हुए आखिरी प्रोग्राम नोएडा में किया गया. एनवारमेंट सोशल गवर्मेंट (ईएसजी) को बढ़ाना और भारतीय एक्सपोर्ट और कपड़ा उद्योग में प्रभाव को कम करने वाला प्रोग्राम किया जा रहा है.
इस कार्यक्रम को AMHSSC के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. ए शक्तिवेल ने शुरू किया और ब्लूसाइन टेक्नोलॉजीज एजी के दक्षिण एशिया की सीआरएम डायरेक्टर कैटरीना वेरेना मेयर, नोएडा एक्सपोर्ट निर्यात क्लस्टर (एनएईसी) के अध्यक्ष ललित ठुकराल द्वारा आयोजित किया गया.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 17:17 IST