नई दिल्ली: भारत (India) और साउथ अफ्रीका (South Africa) के बीच फिलहाल तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. टेस्ट सीरीज (Test Series) के बाद भारत (India) को साउथ अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है. वनडे सीरीज (ODI Series) के मैच 19, 21 और 23 जनवरी को खेले जाएंगे. वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया (India) का ऐलान हो गया है. साउथ अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ इस वनडे सीरीज के लिए वैसे तो सेलेक्टर्स ने कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है, लेकिन 2 ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिनके साथ सेलेक्टर्स ने सौतेला बर्ताव किया है. इन 2 खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया जाना कई सवाल भी खड़े करता है. ये 2 खिलाड़ी टीम इंडिया में जगह पाने के हकदार थे, लेकिन सेलेक्टर्स ने इन्हें पूछा तक नहीं.
1. संजू सैमसन
संजू सैमसन विकेटकीपिंग के साथ-साथ अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं, लेकिन ईशान किशन और ऋषभ पंत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 19 जनवरी से शुरू होने वाली वनडे सीरीज में मौका दिया गया. वहीं, सैमसन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को एक बार फिर से चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया. आखिरी बार उन्हें जुलाई 2021 में श्रीलंका दौरे पर जाने का मौका मिला था. इसके बाद से वो टीम से लगातार बाहर हैं. इस तरह लगातार संजू सैमसन को टीम से बाहर रखना और एक-दो मैच में उतारकर उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद करना, कहीं ना कहीं इस खिलाड़ी के साथ नाइंसाफी है. इस फैसले से प्लेयर्स का भी काफी नुकसान हो रहा है. शायद ये बड़ी वजह है कि अक्सर सैमसन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फ्लॉप हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें इंटरनेशनल टीमों के खिलाफ ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिलता.
2. कुलदीप यादव
टीम इंडिया (Team India) के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को चयनकर्ता लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं. जिस तरह से कुलदीप यादव को हर सीरीज से बाहर रखा जा रहा है, उसे देख ऐसा लगता है कि लगभग उनका करियर टीम इंडिया में खत्म हो चुका है. एक वक्त था जब कुलदीप और युजवेंद्र की जोड़ी टीम इंडिया की सबसे घातक गेंदबाजी जोड़ी में शुमार थी. लेकिन, चयनकर्ताओं ने उनके करियर पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया. हालांकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ 19 जनवरी से शुरू होने वाली वनडे सीरीज में कुलदीप यादव की वापसी की उम्मीद थी. लेकिन, इस उम्मीद पर भी चयनकर्ताओं ने पानी फेर दिया. ये कहना गलत नहीं होगा कि कुलदीप साउथ अफ्रीकी टीम के खिलाफ टी20 सीरीज में जगह बनाने के हकदार थे. लेकिन, उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया.
बर्बाद हो रहा अच्छा खासा करियर
एक समय ऐसा था जब चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव को टीम इंडिया की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता था, लेकिन अब कुलदीप भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर हो गए. सही मायने में कुलदीप के करियर की उल्टी गिनती महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद से ही शुरू हो गई थी. जब से महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है, तब से कुलदीप के तेवर ढीले पड़ गए. कुलदीप की गेंदबाजी की चमक मंद पड़ गई. कुलदीप यादव ने टीम इंडिया के लिए 23 टी-20 इंटनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 14.21 की औसत और 7.15 की इकॉनोमी रेट से महज 41 विकेट अपने नाम किया. उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 5/24 रहा जो उन्होंने साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में हासिल किया था.
कुलदीप जैसी वैरिएशन में बॉलिंग करना मुश्किल
कुलदीप यादव में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. वो एक खास तरह की गेंदबाजी करना जानते हैं जिसे ‘चाइनामैन बॉलिंग’ कहा जाता है. ये बेहद अनोखी बॉलिंग स्टाइल है, इसमें बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है. महेंद्र सिंह धोनी जब भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलते थे, तो कुलदीप यादव को सबसे ज्यादा फायदा होता था, लेकिन धोनी के संन्यास लेते ही कुलदीप यादव का करियर अंधेरे में जा रहा है.
धोनी की सलाह आती थी काम
एक इंटरव्यू में कुलदीप ने बताया था कि कैसे वह मैदान के भीतर और बाहर महेंद्र सिंह धोनी की सलाह को मिस करते हैं. कुलदीप ने बताया था कि विकेट के पीछे के धोनी की सलाह उनके बहुत काम आती थी और उन्हें उसकी कमी खलती है. कुलदीप ने आगे कहा था, ‘मुझे कभी उनकी सलाह की काफी कमी महसूस होती है. उनके पास काफी अनुभव था. वह विकेट के पीछे से हमें गाइड करते थे.’