टीम इंडिया को नंबर 4 के लिए मिला युवराज जैसा घातक बल्लेबाज, IPL 2022 में गेंदबाजों की उड़ा रहा धज्जियां

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नई दिल्ली: IPL 2022 में एक बल्लेबाज गेंदबाजों की जमकर धज्जियां उड़ा रहा है और इसने टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर की टेंशन भी खत्म कर दी है. इस बल्लेबाज ने टीम इंडिया में वनडे और टी20 फॉर्मेट में नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए दावा ठोका है. ये बल्लेबाज बेहद खतरनाक है और युवराज सिंह जैसी खतरनाक बैटिंग भी करता है. ये बल्लेबाज युवराज सिंह की तरह ही विस्फोटक बल्लेबाजी में माहिर हैं और मौजूदा IPL 2022 में उन्होंने ये करके भी दिखाया है. इस बल्लेबाज ने एक बार फिर से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है.
टीम इंडिया को नंबर 4 के लिए मिला युवराज जैसा घातक बल्लेबाज
सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स ने मंगलवार को खेले गए आईपीएल मैच में 61 रनों से बड़ी जीत दर्ज की है. इस मैच में राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने तबाही मचाते हुए 27 गेंदों पर 55 रन ठोक दिए, जिसमें 5 छक्के और 3 चौके शामिल रहे. हर कोई ये देखकर हैरान था कि आखिर संजू सैमसन ऐसी तबाही कैसे मचा रहे हैं. संजू सैमसन ने टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर की टेंशन भी खत्म कर दी है. संजू सैमसन ने टीम इंडिया में वनडे और टी20 फॉर्मेट में नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए दावा ठोका है. संजू सैमसन की इस पारी से एक बार फिर सभी को युवराज सिंह की याद जरूर आई होगी.  
इस बल्लेबाज के पास बेहतरीन टैलेंट
भारतीय क्रिकेट के पास संजू सैमसन जैसा टैलेंटेड बल्लेबाज है, जो मैदान के चारों तरफ एक से बढ़कर एक शॉट्स खेलने और रन बटोरने की कला जानता है. संजू सैमसन मैदान के चारों ओर चौके और छक्कों की बरसात कर रन बटोरने में माहिर हैं. संजू सैमसन का बतौर मैच विनर चमकना टीम इंडिया के मिशन टी-20 वर्ल्डकप 2022 और वर्ल्डकप 2023 के लिए बड़ी राहत दे रहा है. संजू सैमसन का स्ट्राइक रेट 200 का रहता है.  
लगातार हो रही नाइंसाफी
संजू सैमसन विकेटकीपिंग के साथ-साथ अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं, लेकिन संजू सैमसन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को चयनकर्ता नजरअंदाज कर रहे हैं. इस तरह लगातार संजू सैमसन को टीम से बाहर रखना और एक-दो मैच में उतारकर उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद करना, कहीं ना कहीं इस खिलाड़ी के साथ नाइंसाफी है. इस फैसले से प्लेयर्स का भी काफी नुकसान हो रहा है. शायद ये बड़ी वजह है कि अक्सर सैमसन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्लॉप हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें इंटरनेशनल टीमों के खिलाफ ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिलता. 



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