भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर स्पिनरों की मददगार पिचों पर खेलना पसंद करती है, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के दौरान पुणे और मुंबई में खेले गए आखिरी दो मैचों में उसकी यह योजना बुरी तरह से विफल रही. भारत पिछले 12 साल से स्पिनरों की माकूल पिच पर घरेलू टेस्ट सीरीज में अजेय था, लेकिन न्यूजीलैंड ने रविवार को तीसरे टेस्ट में 25 रन से उसे हराकर तीन मैचों की सीरीज में 3-0 से सूपड़ा साफ किया.
टीम इंडिया की हार के बाद फूटा पिच का बम
बेंगलुरु में तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर टीम की पहली पारी महज 46 रन पर सिमटी जबकि पुणे और मुंबई में भारतीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड के फिरकी गेंदबाजों की काट ढूंढने में विफल रहे. रोहित से मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पूछा गया कि क्या टीम को स्पिनरों की मददगार पिच पर खेलने की अपनी योजना के बारे में फिर से विचार करना चाहिए तो उन्होंने कहा, ‘किस तरह की पिच पर खेलना है यह बहुत पहले से तय नहीं होता है. यह सीरीज दर सीरीज तय होता है.’
लपेटे में आए रोहित-गंभीर
रोहित शर्मा ने कहा, ‘हमने इंग्लैंड के खिलाफ बेहतरीन पिचों पर खेला है और इस बार हमें लगा कि टीम के लिए यह सही होगा. टीम ज्यादातर मौके पर सफल रही है, लेकिन यह इकलौता मौका है जब हम इस सीरीज से जो हासिल करना चाहते थे उसमें हम पीछे रह गए हैं.’ पिच को लेकर रोहित का कन्फेशन पूर्व खिलाड़ी और टीम के सहायक कोच अभिषेक नायर द्वारा मुंबई टेस्ट से पहले कही गई बात के उल्टा था.
भारतीय क्रिकेट में मचा हाहाकार
अभिषेक नायर ने मुंबई में खेले गए तीसरे टेस्ट से पहले कहा था, ‘मैं चाहता हूं कि हम पिचों को क्यूरेट कर सकें, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं. क्यूरेटर ऐसा करते हैं. हमें जो भी पिच मिलती है, हम उस पर खेलते है अब चाहे वह सीम वाली पिच हो या टर्न लेने वाली पिच हो.’ भारत को इस सीरीज में बेंगलुरु में 8 विकेट, पुणे में 113 रन और मुंबई में 25 रन की हार के साथ बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
रोहित को देनी पड़ी सफाई
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने गौतम गंभीर के नेतृत्व में टीम के नए कोचिंग स्टाफ का बचाव किया है, जिसमें अभिषेक नायर, रयान टेन डोएशे (नीदरलैंड्स), मोर्ने मोर्कल (दक्षिण अफ्रीका) और टी दिलीप शामिल हैं. रोहित शर्मा ने कहा, ‘वे अभी-अभी टीम से जुड़े है. वे समझ रहे हैं कि यह टीम और खिलाड़ी कैसे काम करते हैं. उनकी आने के बाद यह टीम की की दूसरी सीरीज है. यह खिलाड़ी की जिम्मेदारी है कि वह अपना काम करे. टीम के सहयोगी सदस्यों को चार-पांच महीने ही हुए है और ऐसे में कुछ आंकना जल्दबाजी होगी.’
भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शॉट चयन किया
रोहित ने स्वीकार किया कि जीत के लिए 147 रन का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शॉट चयन कर 29 रन पर पांच विकेट गंवा दिए. रोहित शर्मा ने कहा, ‘मेरी शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं थी. जब आप इस तरह के लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं, तो आप गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करना चाहते हैं. आप गेंदबाजों को एक विशेष स्लॉट पर गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं दे सकते. मैंने एक खराब शॉट खेला, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मुझे इसका अफसोस नहीं है क्योंकि इससे मुझे अतीत में काफी सफलता मिली है. मैं ऐसा करना जारी रखूंगा.’