Shahid Afridi Statement: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भारत की महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर पर बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वनडे के दौरान उनके अभद्र व्यवहार के लिए मंगलवार को दो मैचों का प्रतिबंध लगा दिया. हरमनप्रीत को यह सजा पिछले सप्ताह ढाका में उनके अभद्र व्यवहार के लिए दी गई. उन्होंने LBW आउट करार दिए जाने के बाद स्टंप पर अपना गुस्सा उतारा और फिर उसके बाद सार्वजनिक रूप से मैच अधिकारियों की आलोचना की. अब इस बात को लेकर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने जहर उगला है. शाहिद अफरीदी ने अपने इस बयान से भारतीय फैंस में गुस्सा और नफरत फैला दी है.
टीम इंडिया के कप्तान के खिलाफ अफरीदी ने उगला जहरपाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने समा टीवी से बातचीत में कहा, ‘महिला क्रिकेट में ऐसी घटनाएं ज्यादा देखने को नहीं मिलती हैं. ये कुछ ज्यादा ही था, आईसीसी की देखरेख में ये मैच था. हद में रहकर किया गया गुस्सा सही है, लेकिन ये कुछ ज्यादा ही हो गया था. हरमनप्रीत कौर को कम सजा मिली है. भविष्य में कोई ऐसी गलती नहीं करे इसके लिए ICC को हरमनप्रीत कौर को कड़ी सजा देकर एक उदाहरण पेश करना चाहिए था. हरमनप्रीत कौर पर 100 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाना चाहिए था.’ बता दें कि हरमनप्रीत कौर पर दो अंतरराष्ट्रीय मैचों का बैन लगाया गया है. इसके अलावा हरमनप्रीत पर अंपायर के फैसले का विरोध करने के लिए मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी किया गया. यह लेवल 2 का अपराध है. सार्वजनिक तौर पर अंपायरों की आलोचना करने के लेवल 1 के अपराध के लिए उन पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना किया गया.
शाहिद अफरीदी ने भारतीय फैंस में फैला दी नफरत
हरमनप्रीत कौर की इस सजा को भी शाहिद अफरीदी ने कम बताया है. आईसीसी ने बयान में कहा था, ‘हरमनप्रीत कौर को आईसीसी आचार संहिता के दो उल्लंघनों के लिए अगले दो अंतरराष्ट्रीय मैचों से निलंबित कर दिया गया है.’ इस निलंबन के कारण हरमनप्रीत सितंबर अक्टूबर में होने वाले एशियाई खेलों में पहले दो मैचों में नहीं खेल पाएगी. हरमनप्रीत को नाहिदा अख्तर की गेंद पर LBW आउट दिया गया था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि गेंद उनके बल्ले के निचले हिस्से में लगी है. पवेलियन लौटने से पहले उन्होंने अपना गुस्सा स्टंप पर निकाला था. इसके बाद पुरस्कार वितरण समारोह में अंपायरों की आलोचना की और यहां तक कह दिया कि अंपायरों को दोनों टीमों के साथ ट्रॉफी समारोह में हिस्सा लेना चाहिए.
क्या था पूरा मामला?
हरमनप्रीत कौर के इस अशिष्ट व्यवहार के कारण बांग्लादेश की कप्तान निगार सुलताना अपनी टीम के साथ वहां से चली गई और उन्होंने भारतीय कप्तान को शिष्टाचार सीखने की सलाह दी. हरमनप्रीत पर अंपायर के फैसले का विरोध करने के लिए मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी किया गया. यह लेवल 2 का अपराध है. इसके अलावा सार्वजनिक तौर पर अंपायरों की आलोचना करने के लेवल 1 के अपराध के लिए उन पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना किया गया. आईसीसी ने बयान में कहा,‘हरमनप्रीत पर लेवल 2 के अपराध के लिए मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना किया गया और उनके अनुशासन रिकॉर्ड में तीन डिमैरिट अंक जोड़े गए.’ भारत की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने हरमनप्रीत की आलोचना करते हुए कहा कि उनका व्यवहार भारतीय कप्तान के अनुरूप नहीं था.