टीचर हों तो महराजगंज के अरविंद विश्वकर्मा जैसे, बच्चों का पढ़ाई में ऐसे बढ़ाते हैं इंट्रेस्ट

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Last Updated:March 12, 2025, 23:03 ISTMaharajganj Latest News Today Hindi: कई टीचर ऐसे हैं जो सिर्फ काम चलताऊ ढंग से पढ़ाने की जगह बच्चों को पढ़ाने में काफी रुचि दिखाते हैं. वह अपना समय बच्चों के लिए क्रिएटिव चीजें बनाने में भी लगाते हैं जिससे कि ब…और पढ़ेंX

अरविंद विश्वकर्मा, अध्यापकमहराजगंज: खास भौगोलिक स्थिति की वजह से उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की अपनी एक अलग पहचान है. इस जिले का एक बड़ा हिस्सा सीमावर्ती क्षेत्र में आता है. हालांकि, इन क्षेत्रों में बहुत सारी परेशानियां भी हैं. इन क्षेत्रों में ज्यादातर ऐसे गांव हैं जहां का परिवेश काफी पिछड़ा है. इन क्षेत्र के बच्चों में शिक्षा के लिए अलग-अलग प्रयोग किए जाते हैं जिससे उनके शैक्षिक स्तर को बेहतर किया जा सके. कई सरकारी टीचर ऐसे हैं जो बच्चों को सिखाने और पढ़ाने में अपनी तरफ से भी काफी रुचि दिखाते हैं. ऐसा लगता है कि वो अपने पेशे को सिर्फ नौकरी के लिए नहीं बल्कि शिद्दत से कर रहे हैं. ऐसे ही अध्यापक हैं अरविंद विश्वकर्मा.

जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित गिरहिया के कंपोजिट विद्यालय में अध्यापक के रूप में कार्यरत अरविंद विश्वकर्मा बच्चों को पढ़ने के लिए अलग-अलग तरह के तरीके प्रयोग करते हैं जिससे बच्चों को कठिन विषय भी सरल रूप से समझाया जा सके. अरविंद विश्वकर्मा लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं और नए-नए तरीके आजमा रहे हैं. अपनी अलग शिक्षण शैली के लिए भी अरविंद विश्वकर्मा बेहद लोकप्रिय हैं.संगीत के जरिए बच्चों को पढ़ाते हैं अरविंदअरविंद विश्वकर्मा ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि बच्चों को सिर्फ पढ़ने की बजाय उन्हें व्यावहारिक रूप से किसी भी विषय को समझना बेहद जरूरी होता है. यदि बच्चे किसी भी विषय को व्यावहारिक रूप से समझेंगे और लर्निंग बाय डूइंग से प्रेरित होकर पढ़ाई करेंगे तो उनमें एक अलग समझ विकसित होगी. उन्होंने बताया कि बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो सिर्फ सामान्य रूप से पढ़ाने पर भी समझ जाते हैं वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो संगीत के जरिए समझते हैं. अरविंद विश्वकर्मा गणित के अलग-अलग टॉपिक को संगीत के जरिए बच्चों को पढ़ाते हैं. इससे बच्चे बहुत ही सरल तरीके से उसे टॉपिक को समझते हैं और उन्हें हमेशा वह याद भी रहता है.अरविंद विश्वकर्मा को मिल चुका है प्रदेश स्तरीय पुरस्कारअरविंद विश्वकर्मा ने बताया कि जब हम किसी विषय को प्रैक्टिकल रूप में बच्चों के सामने प्रस्तुत करते हैं तो वह उस टॉपिक को बारीकी से समझते हैं. लर्निंग बाय डूइंग को लेकर हमेशा चर्चा होती है जो धीरे-धीरे बच्चों तक पहुंच भी रही है और उसका बच्चों को फायदा भी मिल रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हें घर पर भी खुद को तैयार करना पड़ता है जिससे बच्चों को प्रैक्टिकल रूप से किसी भी टॉपिक को समझाया जा सके. अरविंद विश्वकर्मा के सराहनीय अध्यापन कला के लिए प्रदेश स्तर पर सम्मानित भी किया गया है. खास बात है कि यह अलग-अलग टूल भी खुद से ही बनाते हैं जो बच्चों के लिए जरूरी होता है.
Location :Maharajganj,Mahrajganj,Uttar PradeshFirst Published :March 12, 2025, 23:03 ISThomeuttar-pradeshटीचर हों तो महराजगंज के अरविंद जैसे, पढ़ाई में बढ़ाते हैं बच्चों का इंट्रेस्ट

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