Tata Memorial Center doctor testing is cancer curable with the help of ashwagandha | क्या अश्वागंधा के सेवन से ठीक हो सकता है कैंसर? टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉ. कर रहे सच की खोज

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Tata Memorial Center doctor testing is cancer curable with the help of ashwagandha | क्या अश्वागंधा के सेवन से ठीक हो सकता है कैंसर? टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉ. कर रहे सच की खोज



कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज बहुत मुश्किल होने के साथ लंबे समय तक और खर्चीला है. ऐसे में किसी जड़ी-बूटी से इसे पूरी तरह से ठीक करने के दावे पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है. माना जाता है कि अश्वगंधा कैंसर को ठीक करने में मददगार साबित हो सकता है. हालांकि यह आयुर्वेद की एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, लेकिन क्या यह कैंसर के लिए कितनी उपयुक्त है इसपर कोई ठोस सबूत नहीं है. 
ऐसे में  मुंबई में बने टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC) कैंसर से जंग में औषधिय पौधों की भूमिका जानने के लिए हल्दी,अश्वगंधा जैसे लगभग 500 से अधिक हर्ब्स को फार्म में उगाने की तैयारी में है. टीएमसी इसके साथ 100 बेड वाला रिसर्च कम हॉस्पिटल भी बनाने वाला है, जहां कैंसर के मामलों में इन औषधिय पौधे के प्रभाव को टेस्ट किया जाएगा. इसे 2028 में डॉ. विक्रम गोटा ने कैंसर में अश्वगंधा के टेस्ट से शुरू किया था. जिसके पॉजिटिव रिजल्ट को देखते हुए टीएमसी कैंसर को खत्म करने में जड़ी-बूटी की भूमिका को समझने के लिए बड़े स्तर टेस्टिंग करने की तैयारी में है.
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डॉ गोटा के स्टडी से क्या निकला परिणाम
डॉ. गोटा, जो नवी मुंबई में टीएमसी के एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर (ACTREC) में क्लिनिकल फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर और हेड हैं. यह काफी समय से अश्वगंधा में मौजूद एक्टिव कम्पाउंड विथेफेरिन-ए की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस को स्टडी कर रहे थे. जिसके रिजल्ट में बोन मेरो ट्रांसप्लांट मरीजों में मृत्यु दर के 50 प्रतिशत तक कम होने की संभावना नजर आयी. इतना ही नहीं डॉ. गोटा और उनकी टीम द्वारा तैयार किए गए रिसर्च पेपर से यह समझा जा सकता है कि अश्वगंधा और हल्दी एंटी कैंसर होते हैं.
300 करोड़ की लागत से तैयार हुआ इंफ्रास्ट्रकचर 
टीएमसी ने कैंसर के इलाज के लिए सैकड़ों अन्य औषधीय पौधों को जांचने के लिए खोपोली में 300 करोड़ रुपये के इंटीग्रेटिव सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर (ICTREC) की स्थापना की है. जहां 20 एकड़ पर 500 से अधिक औषधिय पौधों को उगाया जाएगा. इसके साथ टीएमसी देश का एकलौता कैंसर हॉस्पिटल बन जाएगा, जहां औषधिय पौधों को उगाने से लेकर इनके संरक्षण और कैंसर के इलाज में दवा के रूप में यूज किया जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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