अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. नवाबों के शहर लखनऊ के जायके की बात ही निराली है. अगर आपने यहां की मशहूर बाजपेयी कचौड़ी का लुत्फ न उठाया तो यकीन मानिए कि आपकी यात्रा अधूरी है.1974 में एक रूपए की पांच कचौड़ियों से शुरू हुआ यह सफर आज 48 साल बाद भी कायम है.बाजपेयी कचौड़ी की बादशाहत कुछ इस कदर है कि इसे खाने के लिए लोग लंबी लाइन लगाकर अपने नंबर के आने का इंतजार करते हैं. यहां पर कचौड़ी अब 30 रुपए की एक प्लेट मिलती है, जिसमें दो कचौड़ी होती हैं.सबसे खास बात यह है कि 5 साल बीतने के बावजूद उन्होंने इसकी कीमत नहीं बढ़ाई है. हजरतगंज के नवल किशोर रोड कैथेड्रल स्कूल के पास स्थित बाजपेई कचौड़ी की छोटी सी दुकान ऊंचे पकवान के लिए मशहूर है और इसका स्वाद देश भर में फैला हुआ है.यही वजह है कि यहां पर पूर्व राज्यपाल राम नाईक,भजन गायक गुलशन कुमार,अनुराधा पौडवाल,अभिनेता अनुपम खेर कार्तिक आर्यन, नेता अखिलेश यादव और अटल बिहारी बाजपेयी समेत कई बड़ी हस्तियां यहां आ चुकी हैं.1974 में हुई थी शुरुआतयहां के मालिक घनश्याम बाजपेयी ने बताया कि उनके पिता बालकिशन बाजपेयी और मां शांति बाजपेयी ने 1974 में इसकी शुरुआत की थी.पहले इस दुकान के पास एक बड़ा सा पेड़ हुआ करता था इसी पेड़ के नीचे इनकी मां घर से कचौड़ी और सब्जी तैयार करके यहां लाकर दोनों बेचा करते थे.आज देखते ही देखते यह सफर काफी आगे निकल चुका है.महाराष्ट्र के नासिक सेकचौड़ी खाने के लिए आए हरीश ठक्कर ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र तक में यहां के कचौड़ी की खासियत सुनी हुई थी.यही वजह है कि लखनऊ जब घूमने आए तो यहां आना नहीं भूले.बाजपेयी कचौड़ी भंडार में कचौड़ी के साथ मसाले दार सूखी आलू की सब्जी, छोला और फ्राई मिर्चा दी जाती है.30 रूपए की एक प्लेट में दो कचौड़ी और सब्जी होती हैं.सुबह 7:30 बजे से लेकर शाम 7:30 बजे तक यह दुकान खुली रहती है.इसके अलावा यहां पर खस्ता और छोला चावल भी मिलता है जो कि 35 रूपए प्लेट होता है.आप जोमैटो के जरिए भी ऑनलाइन आर्डर कर के इनकी कचौड़ियों का आनंद घर बैठे भी ले सकते हैं.Bajpayee Kachodi Bhandarhttps://maps.app.goo.gl/7JncFARKpLjqUBUm9ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : November 20, 2022, 16:48 IST
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