महाराजगंज: पिछले कुछ सालों में मछली पालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ा है. जिले के बहुत से लोग छोटे और मंझोले स्तर पर मछली पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं. हालांकि तारापति ने साल 1988 से ही मछली का व्यवसाय शुरू कर दिया. यह बात इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि महाराजगंज जिला साल 1989 में बना है. महाराजगंज को जिला बनने के पहले से ही तारापति इस व्यवसाय को कर रहे हैं. एक लंबे समय से इस व्यवसाय में जुड़े तारापति को बेहतरीन अनुभव हो चुका है. हालांकि उन्होंने संघर्ष कर इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया है.तारापति ने लोकल 18 को बताया कि सिर्फ 1700 से मछली का व्यवसाय शुरू किया था. एक छोटी सी जगह में काम शुरू कर आज कई जगह पर केंद्र स्थापित कर लिए हैं. मछली के व्यवसाय में इनका मुख्य काम मछलियों के प्रजनन का है. इसके साथ ही मछलियों की बिक्री का भी काम करते हैं. हालांकि मछलियों के प्रजनन से लेकर बिक्री तक की प्रक्रिया में बहुत से छोटे व्यवसायियों को काम मिलता है एवं आस-पास के मछली व्यवसाय से जुड़े लोग हमेशा संपर्क में रहते हैं.मछली पालन के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं तारापतिमछलियों के व्यवसाय में एक लंबा अनुभव हासिल कर चुके तारापति ने बताया कि जिले के बहुत से लोगों को प्रशिक्षित भी किया है. जिले के ज्यादातर मछली के व्यवसाय से जुड़े लोग यहीं से प्रशिक्षण लिया है. मछली व्यवसाय में तारापति ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इससे अच्छी कमाई भी हो रही है. उन्होंने बताया कि जो भी नए लोग इस व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं, वह यहां आकर देख और सीख सकते हैं. तारापति मछली पालन के लिए लगातार लोगों को प्रोत्साहित करते रहते हैं.FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 20:53 IST