सृजित अवस्थी/ पीलीभीतः हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तराई एलिफेंट रिजर्व का औपचारिक तौर पर शुभारंभ किया था. हालांकि केन्द्र सरकार की ओर से इस एक साल पहले ही मंजूरी दे दी गई थी. मुख्यमंत्री के दौरे के बाद तराई हाथी रिजर्व अब धरातल पर उतरना शुरू हो गया है. इसके लिए रिजर्व प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है.
दरअसल, तराई एलिफेंट रिजर्व में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत आने वाली बाराही रेंज के लग्गा-भग्गा- टाटरगंज-बाराही कॉरिडोर तराई में हाथियों के विचरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में इसे इस हिस्से को हाथी रिजर्व के तहत शामिल किया गया है. बीते दिनों पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के मुस्तफाबाद गेट पर आयोजित हुए वन्य प्राणी सप्ताह के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने लग्गा-भग्गा- टाटरगंज-बाराही कॉरिडोर की पुस्तक का विमोचन किया था.
बांस और गन्ने की पैदावार कराई जाएगीअब वन विभाग और विश्व प्रकृति निधि की ओर से कॉरिडोर के ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां इंसानी दखल बढ़ा है. ऐसे इलाकों को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा. वहीं कॉरिडोर के प्रमुख स्थानों पर हाथियों के लिए उनके पसंदीदा खाने रोहिणी, बांस और गन्ने की पैदावार कराई जाएगी. इससे हाथियों, गैंडो जैसे कई वन्यजीवों को सेफ पैसेज के साथ ही साथ मनपसंदीदा आहार भी मिलेगा.
हाथियों को मिलेगा परंपरागत गलियाराअधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि सदियों से यह इलाक़ा हाथियों का परंपरागत गलियारा रहा है. इंसानी दख़ल के चलते अब तक इसमें कुछ न कुछ व्यवधान उत्पन्न होते हैं. ऐसे में कई बार तो हाथ ही मानव संघर्ष की संभावना भी बढ़ जाती है. शासन से मार्गदर्शन के आधार पर अब इस क्षेत्र में कार्य कराए जाएंगे.
.Tags: Local18, Pilibhit newsFIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 22:02 IST
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