तालिबानी देश के लिए ICC चेयरमैन जय शाह का बड़ा ऐलान, 360 डिग्री घूम जाएगा महिला क्रिकेटरों का करियर

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तालिबानी देश के लिए ICC चेयरमैन जय शाह का बड़ा ऐलान, 360 डिग्री घूम जाएगा महिला क्रिकेटरों का करियर



अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने अफगानिस्तान में महिला क्रिकेटरों को सपोर्ट करने के लिए बड़ा ऐलान किया है. अफगानिस्तान की कई महिला क्रिकेटर अब ऑस्ट्रेलिया में निर्वासन में रह रही हैं और इसके लिए ICC ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI), इंग्लैंड (ECB) और ऑस्ट्रेलिया (CA) के क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया है. एक ऐतिहासिक पहल में ICC ने खेल के तीन सबसे ताकतवर बोर्ड- BCCI, ECB, और CA के साथ हाथ मिलाया है जिससे कि ‘इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उनके क्रिकेट और व्यक्तिगत विकास दोनों यात्राओं में सहायता मिल सके.’
ICC का बड़ा ऐलान
इस पहल के हिस्से के रूप में ICC प्रत्यक्ष मौद्रिक सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित कोष स्थापित करेगा जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि इन क्रिकेटरों के पास वे संसाधन हों जिनकी उन्हें अपने पसंदीदा खेल को जारी रखने के लिए आवश्यकता है. आईसीसी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि इसके साथ ही एक मजबूत हाई परफोर्मेंस कार्यक्रम भी होगा जिसमें उन्नत कोचिंग, विश्व स्तरीय सुविधाएं और उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करने के लिए अनुकूलित मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा.
अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों के लिए बड़ा कदम
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में हम समावेशिता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हर क्रिकेटर को अपने हालात की परवाह किए बिना चमकने का अवसर मिले. हमारे मूल्यवान भागीदारों के सहयोग से हमें इस कार्यबल और सहायता कोष को शुरू करने पर गर्व है, जिसके साथ व्यापक हाई परफोर्मेंस कार्यक्रम भी होगा जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान की विस्थापित महिला क्रिकेटर खेल में अपनी यात्रा जारी रख सकें.’
तालिबान ने महिलाओं को खेलों से प्रतिबंधित कर दिया
जय शाह ने कहा, ‘यह पहल क्रिकेट के वैश्विक विकास और एकता, लचीलापन और आशा को प्रेरित करने की इसकी शक्ति के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है.’ आईसीसी का मानना ​​है कि यह पहल ना केवल अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों के खेल करियर को संरक्षित करने में मदद करेगी बल्कि सीमाओं और प्रतिकूलताओं से परे एक एकीकृत शक्ति के रूप में खेल की भूमिका को भी मजबूत करेगी. साल 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से अफगानिस्तान में महिलाओं को खेलों से प्रतिबंधित कर दिया गया है.



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