tahira kashyap cancer recur women with family history should get memography from age of 30 | मौसी..बुआ..बहन..दादी..मां..नानी..किसी को भी हुआ हो ब्रेस्ट कैंसर, तो इस उम्र में ही हो जाएं सतर्क, करवाएं मैमोग्राफी

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tahira kashyap cancer recur women with family history should get memography from age of 30 | मौसी..बुआ..बहन..दादी..मां..नानी..किसी को भी हुआ हो ब्रेस्ट कैंसर, तो इस उम्र में ही हो जाएं सतर्क, करवाएं मैमोग्राफी



अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने हाल ही में अपने फैंस को बताया कि उन्हें एक बार फिर ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ है. सात साल पहले भी वह इस बीमारी से जूझ चुकी हैं और इलाज के बाद ठीक भी हो गई थीं. 
ताहिरा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मेरा राउंड-2 शुरू हो चुका है… रेगुलर मैमोग्राफी जरूर कराते रहें. ऐसे में दोबारा कैंसर का होना कई सवालों को उठाता है. जैसे क्या बार-बार मैमोग्राफी करवाना सुरक्षित है? और हमें कब से सतर्क हो जाना चाहिए?
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क्या रेगुलर मैमोग्राफी सेफ है?
मैमोग्राफी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए एक प्रभावी और सेफ प्रोसेस मानी जाती है. हालांकि सिटी एक्स-रे एंड स्कैन क्लीनिक के डॉ. आकार कपूर बताते हैं कि हां, एक्स-रे में रेडिएशन होता है, लेकिन यह बहुत कम मात्रा में होता है. फिर भी बार-बार करवाने पर फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट आने की संभावना रहती है, जिससे बिना जरूरत के अन्य जांच करनी पड़ सकती हैं, जो कि अनावश्यक आर्थिक बोझ को बढ़ा सकता है. 
कितने समय के अंतराल में कराएं मैमोग्राफी?
डॉ. चिन्मय (कैंसर विशेषज्ञ, सर्वोदय अस्पताल, ग्रेटर नोएडा) के अनुसार, आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद हर महिला को साल में एक बार मैमोग्राफी करानी चाहिए. लेकिन अगर ब्रेस्ट में लगातार दर्द है, गांठ है, या परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है (जैसे मां, मौसी, बुआ, बहन या नानी को), तो स्क्रीनिंग 30-35 साल की उम्र से शुरू कर देनी चाहिए. अगर पहले की रिपोर्ट में कोई चिंता वाली बात पाई गई हो, तो डॉक्टर 3 से 6 महीने में एक बार फॉलो अप टेस्ट की सलाह दे सकते हैं.
मैमोग्राफी करवाते समय रखें ये सावधानियां
– पीरियड्स के एक हफ्ते बाद मैमोग्राफी कराना बेहतर होता है, क्योंकि इस समय ब्रेस्ट कम सेंसिटिव होते हैं.  – टेस्ट से पहले अंडरआर्म या ब्रेस्ट एरिया में डियोड्रेंट, परफ्यूम या पाउडर न लगाएं. – ढीले और दो हिस्सों वाले कपड़े पहनें, जिससे ऊपर का हिस्सा आसानी से हटाया जा सके.- प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को मैमोग्राफी से बचना चाहिए.
क्यों जरूरी है समय रहते जांच?
ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान से इलाज आसान और सफल हो सकता है. हर गांठ या दर्द कैंसर नहीं होता, लेकिन लापरवाही खतरनाक हो सकती है. इसलिए अगर कोई असामान्य लक्षण दिखें जैसे ब्रेस्ट में गांठ, रंग में बदलाव, दर्द या स्त्राव तो बिना देरी डॉक्टर से सलाह लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 
 



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