Sympathetic Pregnancy: can men feel symptoms of pregnancy too know all about couvade syndrome | Sympathetic Pregnancy: क्या पुरुष भी महसूस कर सकते हैं प्रेग्‍नेंसी के लक्षण? जानें सिम्पैथेटिक प्रेग्‍नेंसी के बारे में सब कुछ

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Couvade Syndrome: क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि दुनिया भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पुरुषों भी ठीक वही लक्षण महसूस करते हैं जो एक गर्भवती महिला में दिखाई देते हैं जैसे कि वजन बढ़ना, मॉर्निंग सिकनेस आदि. हम सभी जानते हैं कि पुरुषों के लिए गर्भवती होना बायोलॉजिकल रूप से संभव नहीं है. फिर क्यों कई पुरुष रिपोर्ट करते हैं कि उन्होंने प्रेग्‍नेंसी के सभी लक्षण महसूस किए हैं, जबकि उनकी पार्टनर प्रेग्नेंट हो सकती हैं. ऐसा इसलिए है कि क्योंकि वह पुरुष सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी (जिसे couvade syndrome भी कहा जाता है) नाम की बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं.
सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी का उदाहरण हाल ही में रिलीज हुई फिल्म मिस्टर मम्मी में हुआ था, जिसमें रितेश देशमुख और जेनेलिया देशमुख मुख्य भूमिका में थे. फिल्म ने इस रहस्यमय स्थिति पर प्रकाश डालने की कोशिश की. आइए सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी के बारे में जानें सब कुछ.
सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी क्या है?जैसा कि नाम से पता चलता है सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी सहानुभूति दर्द की अवधारणा के समान ही है, जिसमें जब कोई प्रिय व्यक्ति असुविधा में होता है तो हम उसके दर्द के लिए बहुत अधिक महसूस करते हैं. नतीजतन हम मनोवैज्ञानिक दबाव का अनुभव करते हैं जो अक्सर शारीरिक दर्द में परिवर्तित हो जाता है. सरल शब्दों में कहें कि पुरुष न केवल इमोशनल रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी किसी और के दर्द को महसूस कर सकता है. डॉक्टर बताया कि सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी मूल रूप से तब होती है जब पुरुष साथी या पति को वही लक्षण दिखाई देने लगते हैं जो पत्नी को पहली तिमाही के दौरान मिलते हैं.
सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी के लक्षणमॉर्निंग सिकनेस के साथ-साथ मतली, उल्टी, पैर में ऐंठन, पेट का फूलना, भूख न लगना, क्रेविंग, मूड मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, कब्ज, पेट का बढ़ना और स्तन में जमाव सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी के लक्षण हो सकते हैं.
क्या सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी खतरनाक है?सिम्पैथेटिक प्रेग्नेंसी किसी भी पार्टनर के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है, बल्कि यह एक दूसरे के लिए आपकी भावनाओं के पर्सपेक्टिव पर प्रकाश डालती है. डॉक्टर का सुझाव है कि इस सिंड्रोम से निपटने का सबसे अच्छा तरीका बात करना है. दोनों पार्टनर को प्रेग्नेंसी से संबंधित अपनी भावनाओं और चिंताओं को व्यक्त करने की आवश्यकता है. बच्चे के आगमन का माता-पिता दोनों के भविष्य पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए अपने साथी को अधिक सक्रिय भूमिका देना और प्रेग्नेंसी के दौरान एक साथ निर्णय लेने से दोनों को बेहतर महसूस करने में मदद मिलेगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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