सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में परंपरागत खेती की बढ़ती लागत और कम होते मुनाफे के कारण किसानों का रुझान अब नई और अधिक मुनाफे वाली फसलों की ओर हो रहा है. सहारनपुर के किसानों ने अब देसी एवं संकर मक्का के साथ ही बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती शुरू कर दी है. यह बेहद कम दिनों में तैयार हो जाता है और बाजार में बढ़िया भाव भी किसानों को मिल जाता है. वहीं परंपरागत फसलों की खेती की तुलना में किसानों को अधिक बचत हो जाती है.
बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती है फायदेमंद
उप कृषि उनिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की फसल 70 से 90 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है. मार्केट में 25 से 30 रुपए किलो तक बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न आराम से बिक जाता है. किसान इसकी खेती से तीगुना मुनाफा कमा सकते हैं. सरकार ने भी त्वरित मक्का विकास योजना के तहत सहारनपुर को लक्ष्य दिया गया है. बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न का उपयोग सलाद, अचार और पिज्जा में भी होता है. स्वीट कॉर्न का दाना मीठा होने के कारण इसका सूप बनाया जाता है. पौष्टिक होने के चलते यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. लोग इसको कच्चा खाना भी पसंद करते है. उत्तर प्रदेश सरकार ने त्वरित मक्का विकास योजना शुरू की है.
वैकल्पिक फसलों की खेती पर दिया जा रहा है जाेर
उप कृषि उनिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि इस योजना का उद्देश्य है यह कि समर में राइस लगाने की बढ़ रही परंपरा को रोका जाए और उसके स्थान पर वैकल्पिक फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए. इससे पानी की बर्बादी को रोकने में मदद मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी. कृषि विभाग वैकल्पिक फसल के तौर पर स्वीट कॉर्न की खेती को बढ़ावा दे रहा है. साथ ही इसकी खेती के लिए किसानों को जारूक भी किया जा रहा है. सहारनपुर में दो स्पॉट डेवलप किए गए हैं. एक बेहट तहसील का मांझीपुर और गंगोह के लखनौती, शकरपुर, चंदपुर गांव के किसानों ने स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती में इंटरेस्ट दिखाया है. स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की दिल्ली और देहरादून दोनों में मार्केट है. किसान सीधे इसको बेचने के लिए दिल्ली और देहरादून ले जा सकता है, जहां किसानों को अच्छी कीमत मिल जाएगी.
Tags: Agriculture, Local18, Saharanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 13:55 IST