Indian Cricket Team: भारत और ऑस्ट्रलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज खेली जा रही है. इसके दो मुकाबलों के बाद एक-एक जीत के साथ दोनों टीमों बराबरी पर हैं. भारत ने पहला टेस्ट 295 रन से जीता तो एडिलेड में वापसी करते हुए मेजबानों ने मेहमानों को 10 विकेट से धूल चटाई. तीसरा मुकाबला 14 दिसंबर से ब्रिस्बेन में खेला जाएगा. इस बीच पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर अपनी राय व्यक्त की है.
क्या रेस्ट पर जाएंगे बुमराह?
सुनील गावस्कर ने कहा है कि जसप्रीत बुमराह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की पूरी सीरीज खेलनी चाहिए. बताते चलें कि बुमराह अब तक सीरीज में गेंद से भारत के स्टार रहे हैं और पर्थ में जीत के दौरान वह प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे. हार के बावजूद पेसर ने पिंक बॉल टेस्ट में बुमराह ने 4 विकेट चटकाए. अब तक बुमराह ने सीरीज में 12 विकेट चटकाए हैं. एडिलेड टेस्ट के दौरान उनकी फिटनेस को लेकर थोड़ी चिंता थी, जब बुमराह ऐंठन के कारण मैदान पर ही बैठ गए थे. हालांकि, उन्होंने फिर गेंदबाजी जारी रखी.
‘चोटिल नहीं हैं तो…’
गावस्कर ने कहा कि अगर बुमराह चोटिल होते तो मामला अलग होता. गावस्कर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं चाहूंगा कि वह सभी 5 टेस्ट मैच खेलें. आप भारत के लिए खेल रहे हैं वर्कलोड और इस तरह की चीजों का कोई सवाल ही नहीं है. उन्हें सभी 5 टेस्ट मैच खेलने होंगे, जब तक कि वह चोटिल न हों. यह मैच (एडिलेड टेस्ट) ढाई दिन में खत्म हो गया. यह 5 दिन तक नहीं चला. इसलिए उन्हें 5 दिन का ब्रेक मिलता है. अगर उन्हें कोई समस्या या चोट है, तो हां. लेकिन अगर उन्हें कोई चोट नहीं है. आप 4-ओवर, 5-ओवर के स्पैल दे रहे हैं. यह सही है. यही तरीका है, जब तक कि आपने एक या दो विकेट नहीं लिए हों. अगर आप अपने 5वें ओवर में विकेट लेते हैं, तो उन्हें छठा ओवर दें.’
टीम के प्रमुख खिलाड़ी हैं बुमराह
गावस्कर ने दावा किया कि बुमराह भारत के लिए प्रमुख खिलाड़ी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह सभी मैच नहीं खेलते हैं तो मैच में 20 विकेट लेने की आपकी संभावना कम हो जाएगी. गावस्कर ने कहा, ‘वह आपके प्रमुख खिलाड़ी हैं. अगर आप उन्हें सभी 5 मैचों में नहीं खिलाते हैं, तो आप 20 ऑस्ट्रेलियाई विकेट लेने की अपनी संभावना कम कर देते हैं. उनका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, यह कप्तान पर निर्भर करता है. उनका इस्तेमाल इस तरह से किया जाना चाहिए कि जब भी वह गेंदबाजी करने आएं, तो वह प्रभावी हों.’