नोएडाः कुख्यात सुंदर भाटी गैंग को उम्रकैट की सजा सुनाने वाले जज की जान उस वक्त मुश्किलों में फंस गई, जब उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हाईवे पर बदमाशों ने उन्हें घेर लिया. फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) अनिल कुमार कार से नोएडा जा रहे थे, तभी एक बोलेरो में सवार पांच लोग उनका पीछा करने लगे और यही नहीं उनकी गाड़ी को ओवरटेक करके बोलेर आगे लगा दी और उन्हें रोकने की कोशिश करने लगे.
जज ने दर्ज कराई FIRमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जज बचकर निकले तो कई बार असलहा दिखाकर उन्हें रोकने की कोशिश की और धमकी भी दी. इस बीच जज ने अपनी कार सोफा पुलिस चौकी में घुसा दी और इसके बाद बदमाश फरार हो गए. उन्होंने घटना की साजिश में सुंदर भाटी गिरोह के शामिल होने का शक जताया है. उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है और पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.
पुलिस सुंदर भाटी के कनेक्शन का लगा रही है पताबता दें कि जज अनिल कुमार का पीछा किए जाने की घटना से 6 दिन पहले ही कुख्यात सुंदर भाटी सोनभद्र जेल से रिहा हुआ है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि घटना वाले दिन सुंदर भाटी कहां था. अलीगढ़ में सुंदर भाटी के नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है. पुलिस को अभी तक अलीगढ़ में सुंदर भाटी के खिलाफ कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. घटना को लेकर अनिल कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि पांच अज्ञात व्यक्तियों ने मुझे आतंकित किया और मारने के इरादे से हमले की कोशिश की.
जज ने अपनी कार को पुलिस चौकी में ले गएउन्होंने जब कार सोफा पुलिस चौकी के सामने रोकी तो बदमाश अपनी कार मोड़कर फरार हो गए. उन्होंने कहा है कि सुंदर भाटी और उसके गिरोह के खिलाफ एक भी दोष साबित आजतक साबित नहीं हुए थे. उन्होंने ही पहली बार साल 2021 में सुंदर भाटी और गिरोह के सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, हो सकता है कि सजा का बदला लेने के लिए ही हमले की साजिश रची गई हो.
जेल से रिहा हो चुका है सुंदर भाटीबता दें कि सुंदर भाटी ग्रेटर नोएडा के घघौला गांव का रहने वाला है. उसके और पूर्व जिला पंचायत नरेश भाटी गिरोह के बीच गैंगवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में रही है. 60 से अधिक मामले उसपर दर्ज हैं. जज ने सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की हत्या मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 23 अक्टूबर को सोनभद्र जेल से रिहा हुआ था और ठीक इसके 6 दिन बाद 29 अक्टूबर को न्यायाधीश का पीछा किए जाने की घटना हुई.
Tags: UP newsFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 07:57 IST