Sumit Antil on Paris Paralympics 2024: टोक्यो पैरालंपिक के गोल्ड मेडल विनर और भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल का टारगेट पेरिस गेम्स में पुरुषों के एफ64 कैटेगरी में अपने वर्ल्ड रिकॉर्ड में सुधार करने के साथ खिताब का बचाव करना है. सुमित 28 अगस्त से 8 सितंबर तक होने वाले पैरालंपिक गेम्स 2024 की ओपनिंग सेरेमनी में भाग्यश्री जाधव (गोला फेंक, एफ34 कैटेगरी) के साथ भारतीय ध्वजवाहक भी होंगे.
फिर से गोल्ड जीतने की उम्मीद
पैरालंपिक गेम्स के ‘नीरज चोपड़ा’ के नाम से मशहूर सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में 3 बार वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करते हुए 68.55 मीटर की कोशिश से गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने इसके बाद 2023 पैरा वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 70.83 मीटर के थ्रो के साथ नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया और फिर हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में इसमें सुधार करते हुए 73.29 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता.
एफ 64 श्रेणी पैर के निचले हिस्से में विकार वाले खिलाड़ियों से संबंधित है जो प्रोस्थेटिक्स (कृत्रिम पैर) का उपयोग करके खड़े होने की स्थिति वाली स्पर्धा में भाग लेते हैं. सुमित ने भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा कि वह पेरिस पैरालंपिक में अपने विश्व रिकॉर्ड में सुधार कर स्वर्ण पदक जीतना चाहते हैं.
सड़क हादसे के हुए थे शिकार
इस 26 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मेरा लॉन्ग टर्म टारगेट 80 मीटर की दूरी हासिल करना है लेकिन पेरिस पैरालंपिक में मैं 75 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगा.’’ 17 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवाने वाले इस खिलाड़ी ने इस साल मई में पैरा वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 69.50 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था.
“काफी मेहनत की है”
सुमित ने कहा, ‘‘प्रैक्टिस के दौरान मेरे प्रयास काफी निरंतर रहे हैं. मैंने तकनीक में कोई बदलाव किए बिना ताकत और मजबूती बढ़ाने पर काफी मेहनत की है. मेरी कोशिश रहेगी कि अपने पिछले रिकॉर्ड को बेहतर करूं.’’ पिछले खेलों के चैंपियन और इंडियन फ्लैग बीयरर होने के कारण दबाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोई दबाव नहीं है लेकिन पेरिस पहुंचने के बाद चीजों के बारे में पता चलेगा. एक बार जब आप खेल गांव या प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचते हैं तो चीजों थोड़ी अलग हो जाती है. मेरी कोशिश बिना किसी प्रेशर के अपना बेस्ट देने की होगी.’’
सुमित ने कहा, ‘‘मैं इस पल का लुत्फ उठाना चाहता हूं. भारत से पहली बार इतना बड़ा और मजबूत दल पैरालंपिक में जा रहा है और मुझे ध्वजवाहक बनने पर गर्व महसूस हो रहा है.’’ पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत के 84 खिलाड़ी 12 स्पर्धाओं में भाग लेंगे.
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित इस खिलाड़ी ने कहा, ‘ पैरालंपिक जैसे आयोजन में ध्वजवाहक होना एक अलग तरह की भावना होती है। यह पहली बार है जब मैं पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनूंगा। तोक्यो पैरालंपिक के समय कोविड महामारी के कारण काफी बंदिशें थी और वहां मेरी स्पर्धा बाद में थी तो मैं देर से पहुंचा था.’’ सुमित ने कहा कि तोक्यो पैरालंपिक के बाद उन्होंने ज्यादा प्रतियोगिताओं में भाग लेने की जगह अधिक अभ्यास करने पर ध्यान दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने काफी लिमिटेड इवेंट्स में हिस्सा लिया है. मैंने अभ्यास में अधिक समय दिया है. स्पर्धाएं तो चलती रहती हैं लेकिन मेरा लक्ष्य भारत को पैरालंपिक से पदक दिलाना है और पिछले तीन साल से मेरा पूरा ध्यान इसी पर है.’’
उन्होंने कहा,‘‘मैं विदेश में अभ्यास करने की जगह देश में अभ्यास करना पसंद करता हूं. मैं 2018 मे फिनलैंड गया था लेकिन मुझे वहां ज्यादा फायदा महसूस नहीं हुआ. भारत में मुझे अभ्यास में कोई कमी महसूस नहीं हुई. मैं साइ के सोनीपत सेंटर में अभ्यास करता हूं, वहां भाला फेंक के लिए एक ट्रैक सहित वर्ल्ड लेवल की सुविधाएं हैं.’’
नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम को लेकर क्या कहा?
सुमित से जब पूछा गया कि क्या ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के रजत पदक से आपको भी थोड़ी निराशा हुई तो उन्होंने कहा, ‘‘नीरज भाई ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया, ये कहना गलत होगा कि उनकी कोशिश से दिल टूटा. खेल में काफी कुछ दिन पर निर्भर करता है. टोक्यो में हमारा दिन था, पेरिस में अरशद नदीम का दिन था.’’
सुमित ने कहा, ‘‘मैं नीरज भाई के प्रदर्शन से काफी खुश हूं. ओलंपिक जैसे मंच पर दबाव में सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना मुश्किल होता है. मुझे उम्मीद है कि वो एक बार जब 90 मीटर की दूरी को पार कर लेंगे तो हमारे पास बहुत सारे गोल्ड मेडल आएंगे.
सुमित ने कहा कि वह 2019 से टॉप्स योजना का हिस्सा हैं और इससे उन्हें हर तरह की मदद मिल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2019 से टॉप्स प्लान का हिस्सा हूं और उसी समय से प्रोस्थेटिक पैर विदेशों से मंगवा रहा हूं. प्रोस्थेटिक्स के साथ ही मेरे खेल में मुझे जो भी जरूरत होती है टॉप्स मुहैया करा देता है.’’
(इनपुट-भाषा)