सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: गन्ने में लगने वाले लाल सड़न रोग यानी रेड रॉट को रोकने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है. आज उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद में आयोजित हुए किसान मेले के दौरान प्रदर्शनी लगाकर किसानों को रेड रॉट से गन्ने की फसल को बचाने के लिए जानकारी दी गई. इस दौरान कृषि जानकारों ने किसानों को बताया गया कि रेड रॉट रोग से फसल को बचाने के लिए खेत का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखना है.
कृषि जानकारों ने बताया कि उस खेत में गन्ने की फसल की बुवाई कभी भी ना करें जिसमें पिछली साल लाल सड़न रोग यानी रेड रॉट की बीमारी लगी हो. उस खेत में किसी दूसरी फसल को उगाएं और उस खेत का पानी भी दूसरे खेत में न जाने दे. डालमिया शुगर मिल के एजीएम ने किसानों को बताया कि खेत की अंतिम जुताई करते समय मिट्टी का शोध करना भी बहुत जरूरी है. ऐसे में 10 किलो ट्राइकोडर्मा को सड़ी हुई गोबर की खाद या मिट्टी में मिलाकर खेत में छिड़क दें, उसके बाद खेत को जोत कर गन्ने की बुवाई के लिए तैयार कर लें.
बीज का चयन करते समय रखें सावधानीगन्ने की फसल को बुवाई करते समय बीज का चयन करते समय बेहद ध्यान रखने की जरूरत है. वैज्ञानिकों ने बताया कि ऐसे खेत से बीज का चुनाव करें, यहां लाल सड़न रोग ना लगा हो और जिस गन्ने का उपयोग बीज के लिए करना है. उसका ऊपरी एक तिहाई हिस्सा काट लें और उसके सिंगल बड़ बनाकर खेत में लगा दें.
बीज का शोधित करना भी है जरूरीडालमिया शुगर मिल के वैज्ञानिकों ने बताया कि बीज को हमेशा शोध करके ही खेत में बोएं, बीज को शोधित करने के लिए 100 लीटर पानी में 200 ग्राम Thiophanate-methyl 70% WP को मिलाकर घोल बना लें. उस घोल में गन्ने के बीज को 10 घंटे के लिए भिगोकर छोड़ दें. उसके बाद बुआई से आधा घंटा पहले 100 लीटर पानी में 100 ग्राम imidacloprid 17.8 SL को मिलाकर घोल बना कर गन्ने के बीज को शोधित जरूर कर लें.
फिर भी लगे रेड रॉट तो करें ये उपायवैज्ञानिकों का कहना है कि अगर फिर भी किसी खेत में रेड रॉट या लाल सड़न रोग दिखे तो गन्ने के ऐसे झुंड को काटकर मिट्टी का गहरा गड्ढा खोदकर उसमें रेड रॉट लगे हुए गन्ने को डालकर ऊपर से ब्लीचिंग पाउडर डाल दें और मिट्टी से गड्ढे को पाट दें. जिससे कि रेड रॉट यानी लाल सड़न रोग को रोका जा सके.
.Tags: Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 21, 2023, 22:17 IST
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