Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 09, 2025, 15:15 ISTSuccess Story: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम की कहानी बहुत ही दिलचस्प है. उनकी मां ने खेतों में काम करते हुए 1-1 रुपए एकत्र कर उनकी पढ़ाई पूरी करवाई थी. मुकेश कुमार 1995 बै…और पढ़ेंX
मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति उ.प्र.हाइलाइट्समुकेश कुमार मेश्राम की मां ने खेतों में काम कर पढ़ाई करवाई.1995 में मुकेश मेश्राम ने बिना कोचिंग के IAS परीक्षा पास की.मुकेश ने मां के नाम पर गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोला.लखनऊ: UPSC की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, लेकिन इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है. ये कर दिखाया आईएएस मुकेश कुमार मेश्राम ने. मुकेश कुमार मेश्राम वर्तमान समय में पर्यटन एवं संस्कृति उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव हैं. इनकी कहानी बहुत ही दिलचस्प है.
गांव के स्कूल में की थी पढ़ाई
IAS मुकेश कुमार मेश्राम का जन्म 26 जून 1967 को मध्य प्रदेश के बालाघाट के लाल बर्रा तहसील के बोरी गांव में हुआ था. मुकेश कुमार मेश्राम का बचपन बिल्कुल प्राकृतिक वातावरण और पहाड़ों की गोद में बीता. यही कारण है कि उनका प्रकृति के प्रति खूब लगाव है. बचपन से ही मेधावी छात्र रहे मुकेश की शुरुआती शिक्षा गांव में ही हुई. इसके बाद इन्होंने बालाघाट के शासकीय बहुउद्देशीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. इंटरमीडिएट करने के बाद मुकेश मेश्राम ने अपनी आगे की पढ़ाई IIT रुड़की से की.
IAS बनने की मिली यहां से प्रेरणा
मुकेश कुमार मेश्राम के गांव में कई सारे लोग सरकारी नौकरियों जैसे लेखपाल, पुलिस आदि बनने लगे तो उन लोगों का गांव में बहुत नाम हुआ. मुकेश इन सब चीजों से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें भी लगा कि उन्हें अधिकारी बनकर समाज की सेवा करनी चाहिए. उन्होंने लगन से पढ़ाई शुरू की और बिना कोचिंग के 1995 में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की.
मां को करना पड़ा खेतों में काम
मुकेश कुमार मेश्राम की माता लक्ष्मी बाई एक निरक्षर महिला थी, लेकिन उन्हें शिक्षा का मूल्य पता था. यही कारण रहा कि उन्होंने अपने बेटे मुकेश को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ा. आर्थिक पृष्ठभूमि बेहद कमजोर होने के कारण मुकेश मेश्राम की मां को खेतों में भी काम करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर संभव प्रयास किया कि उनके बेटे की पढ़ाई में कोई बाधा ना आने पाए. मुकेश मेश्राम अपनी बातचीत में बताते हैं कि उनकी मां ने पाई-पाई जोड़कर उनकी पढ़ाई पूरी की. एक मां की इसी दूरदर्शिता के कारण उनका बेटा देश की सबसे बड़ी परीक्षा UPSC को क्रैक कर आईएएस बन गया.
मां के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे अधिकारी
मुकेश कुमार मेश्राम बताते हैं कि 2005 में वह मऊ जिले के जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत थे. उसी समय मऊ में दंगा भड़क गया. ऐसी स्थिति में जब उनकी मां के देहांत की सूचना मिली तो उन्होंने अपने कर्तव्य निष्ठता का परिचय देते हुए मां के अंतिम संस्कार में नहीं शामिल होने का निर्णय लिया. मुकेश कुमार मेश्राम अपनी बातचीत में आगे बताते हैं कि मां के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के लिए उन्होंने गांव में लक्ष्मीबाई इंग्लिश एकेडमी नामक स्कूल भी खोला है.
प्रतियोगी छात्रों को दिया यह संदेश
मुकेश कुमार मेश्राम ने प्रतियोगी छात्रों से मेहनत व लगन से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की अपील की. उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई सानी या शॉर्टकट तरीका नहीं होता है. यदि आदमी दृढ़ निश्चय कर ले तो कोई भी सफलता प्राप्त कर सकता है. इसके साथ ही साथ मुकेश कुमार मेश्राम ने प्रतियोगी छात्रों को यह भी संदेश दिया कि आप मेडिटेशन के माध्यम से अपनी क्षमता एवं एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं.
Location :Lucknow,Uttar PradeshFirst Published :February 09, 2025, 15:04 ISThomebusinessमां ने मजदूरी कर बेटे को बनाया IAS, रुला देगी मुकेश कुमार मेश्राम की कहानी