Success Story: मां करती रही सिलाई, बेटी बुनती रही सपना, जब बनी एएसआई तो पिता की आंखों से छलके आंसू

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Success Story: मां करती रही सिलाई, बेटी बुनती रही सपना, जब बनी एएसआई तो पिता की आंखों से छलके आंसू



सनन्दन उपाध्याय/बलिया: कहते हैं कि हौसला अगर बुलंद हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. इसका जीता जागता उदाहरण पेश किया है बलिया की बेटी आकांक्षा चौरसिया ने, जिनका चयन यूपी पुलिस में एएसआई के पद पर हुआ है. आकांक्षा ने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने माता- पिता को दिया है. आकांक्षा की सफलता से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है. ग्रामीणों ने उनके माता-पिता को ढ़ेर सारी बधाई दी. गांव के बच्चे उनकी सफलता को देख प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं.शहर कोतवाली क्षेत्र के अमृतपाली निवासी रामकिशुन चौरसिया की इकलौती पुत्री आकांक्षा चौरसिया ने एएसआई के पद पर चयनित होकर गांव एवं जनपद का नाम रोशन किया है. बता दें कि आकांक्षा की मां मनोरमा देवी सिलाई का काम करती हैं और उनके पिता सेल्समैन का काम करते हैं. आकांक्षा ने अपनी तैयारी गांव पर रहकर शहर के द्वारिकापुरी कॉलोनी स्थित जीनीयस कोचिंग से की थी. आकांक्षा ने बताया कि मैं कभी-कभी एकांत में बैठकर रोती थी कि शायद मेरा भी भाई होता तो मेरे पिता को इतना कष्ट नहीं होता.पिता के आंखों से छलके खुशी के आंसूबेटी की सफलता के बाद लोकल18 से बातचीत करते हुए पिता के आंखों से खुशी का आंसू छलक गए. जिसपर उन्होंने कहा कि ये आंसू खुशी के हैं. भगवान ऐसी बेटी सभी को दें. मेरा बेटा नहीं है, लेकिन इस बेटी ने उस कमी को खलने नहीं दिया. आकांक्षा की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने बलिया से ही अपनी पढ़ाई पूरी की है.परिवार और गुरुजन को दिया सफलता का श्रेयएएसआई बनी आकांक्षा ने बताया कि उनके लिए पढ़ाई करना और सफलता को पाना एक बड़ा टास्क था. वह छह से सात घंटे पढ़ती थीं. आकांक्षा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता सहित पूरे परिवार व गुरुजनों को दिया. उनकी इस सफलता के बाद उन्हें बधाई देने वालों का सिलसिला बरकरार है..FIRST PUBLISHED : July 18, 2023, 16:45 IST



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