रिपोर्ट- मंगला तिवारी
मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश में बहुतायत संख्या में ऐसे किसान हैं, जो कि परंपरागत खेती करते हैं. हालांकि इससे उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं होता है. इस वजह से किसानों का खेती के तरफ से रुझान भी कम होता है. वहीं, खेती से थके-हारे किसानों के लिए मिर्जापुर जनपद से एक बड़ी खुशखबरी है. जिले में कश्मीरी एप्पल बेर की खेती से लाखों रुपए की कमाई हो रही है. सीखड़ ब्लॉक के किसान योगेंद्र सिंह ने अपने खेत में उन्नत किस्म के बेर लगाए हैं. इससे जिले के अन्य किसानों को एक नई राह दिखी है.
किसान योगेंद्र सिंह मिर्जापुर जनपद में सीखड़ ब्लॉक के खानपुर गांव के रहने वाले हैं. वह पहले पारंपरिक खेती करते थे, लेकिन इससे ज्यादा आमदनी नहीं होते देख उनके मन में वैकल्पिक खेती का विचार आया. इसके बाद उद्यान विभाग से उनको कश्मीरी एप्पल बेर की खेती के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने कोलकाता से उन्नत किस्म की बेर के पौधे लाकर अपने खेतों में लगाए.
सलाना लाखों में होती है कमाईकिसान योगेंद्र सिंह ने बताया कि वो पिछले दो वर्ष से कश्मीरी एप्पल बेर की खेती कर रहे हैं. इसकी मांग बाजार में काफी ज्यादा है. बाजार में यह थोक में 50 रुपए किलो तक बिक जाता है. कश्मीरी एप्पल बेर दिखने में बिल्कुल सेव की तरह होता है, बस साइज में उससे छोटा होता है. उन्होंने बताया कि एप्पल बेर की खेती में लागत काफी कम आती है, एक एकड़ की खेती में लगभग 25 हजार रुपए तक खर्च होता है. वहीं यदि फसल की पैदावार ठीक हुई, तो वर्ष में तीन लाख से ज्यादा का मुनाफा हो जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे किसान जिनके पास कम जमीन है, वे भी अच्छी आमदनी के लिए बेर की खेती कर सकते हैं.
उद्यान विभाग द्वारा मिलता है अनुदानजिला उद्यान अधिकारी मेवा राम ने बताया कि मिर्जापुर विंध्य क्षेत्र है. यहां पर पहाड़ी एरिया ज्यादा है. हमारे यहां विंध्य और बुंदेलखंड की एक योजना चलती है, जिसमें कृषक अपने स्वयं के संसाधन से फलदार पौधा लगाता है, तो उसे रखरखाव के लिए प्रत्येक महीने 3 हजार रुपये उद्यान विभाग से प्रदान किए जाते हैं. यह राशि तीन वर्ष तक प्रदान की जाती है. इस योजना का लाभ जिले के कई किसान उठा रहे हैं, जो कि एप्पल बेर की खेती कर रहे हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Agriculture, Farmer, Mirzapur news, Success StoryFIRST PUBLISHED : February 15, 2023, 15:00 IST
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