भूपेंद्र राय/ Firoz Khan death due to lung cancer: बॉलीवुड के ‘काउ ब्वाय’ के नाम से मशहूर अभिनेता फिरोज खान ने अपनी एक्टिंग के स्पेशल अंदाज के चलते सिनेमा जगत में एक अलग पहचान बनाई. जब भी उनकी चर्चा होती है तो हैट पहने और सिगार हाथ में लिए एक ऐसे इंसान की छवि आपकी आंखों के सामने उभर आती है, जिसके चेहरे का तेज सामने वाले को भी ऊर्जा से भर देता है. जब भी उनका जिक्र होता है तो ‘कुर्बानी’, ‘जांबाज’, ‘दयावान’, ‘आदमी और इंसान’ की याद आ जाती हैं. 25 सितंबर, 1939 को बेंगलुरु में जन्मे फिरोज खान की एक्टिंग के आज भी कई दीवाने हैं.
बॉलीवुड में फिरोज खान ने अपने करियर की शुरुआत 1960 में बनी फिल्म ‘दीदी’ से की, वो अपनी फिल्मों में सिर्फ अभिनेता ही नहीं बल्कि विलेन भी बने. अपनी जिंदादिली के लिए चर्चा में रहने वाले फिरोज खान को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. 26 अप्रैल 2009 को उनकी फेफड़ों के कैंसर के कारण मौत हुई, 27 अप्रैल को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. इस खबर में हम आपके लिए उसी कैंसर के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसने बॉलीवुड से स्टाइलिश अभिनेता को छीन लिया था.
फेफड़ो का कैंसर क्या है ? (what is lung cancer)ये कैंसर फेफड़ों में शुरू होता है. ये तब शुरू होता है जब शरीर में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं. यानी जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगती हैं. फेफड़ों के कैंसर आमतौर पर ब्रोंकी और फेफड़ों के कुछ हिस्सों जैसे ब्रोंकीओल्स या एल्वियोली की कोशिकाओं में शुरू होता है, जो शरीर के दूसरे अंगों से भी आसानी से फैल जाता है. फेफड़ों का कैंसर विश्व स्तर पर मौत का एक प्रमुख कारण है. यह भारत में भी प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं मे से एक है.
कितना खतरनाक हो सकता है फेफड़ों का कैंसर ?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पूरी दुनिया में पुरुषों व महिलाओं में फेफड़े का कैंसर, कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे आम कारण है. कैंसर में बनने वाला ट्यूमर इतना बड़ा हो जाता है कि यह दूसरे अंगों पर दबाव डालता है, जिससे असहनीय दर्द और परेशानी होती है, अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत तक हो सकती है.
फेफड़ों के कैंसर के संकेत और लक्षण (Signs and symptoms of lung cancer)
सांस फूलना
छाती में दर्द
गला बैठना
वजन कम होना
हड्डियों में दर्द
सिरदर्द
खांसी, जो ठीक न हो रही हो
खांसी में खून आना, चाहे थोड़ा सा ही
फेफड़ों के कैंसर के कारण (cause of lung cancer)
myupchar के अनुसार, 90 फीसदी फेपड़े के कैंसर के मामले धूम्रपान का परिणाम होते हैं. इसके अलावा कुछ अन्य हानिकारक पदार्थ भी लंग कैंसर का कारण बन सकते हैं.
ये चीजें फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकती हैं
अधिक धूम्रपान
फेफड़ों के कैंसर का पारिवारिक इतिहास
आर्सेनिक का सेवन
कैडमियम का अधिक सेवन
फेफड़ों के कैंसर के प्रकार (types of lung cancer)
विशेषज्ञ माइक्रोस्कोप की मदद से कैंसर की कोशिकाओं की उपस्थिति के अधार पर फेफड़ों के कैंसर को दो मुख्य प्रकारों में विभाजित करते हैं. पहला है स्मॉल सेल लंग कैंसर और दूसरा है नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर.
1. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर- नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर कैंसर का सामान्य रूप होता है, जो लगभग 85 प्रतिशत लंग कैंसर पीड़ित लोगों में होता है. नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर, स्मॉल सेल लंग कैंसर के मुकाबले कम तेजी से फैलता है.
2. स्मॉल सेल लंग कैंसर- ये एक ऐसा कैंसर है, जो ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों में होता है. इसके शरीर के अन्य हिस्सों में तेजी से फैलने की आशंका ज्यादा होती है.
फेफड़े के कैंसर की स्टेज (stage of lung cancer)
1. शुरुआती स्टेज – ये वो स्टेज है, जब कैंसर की शुरुआत होती है. शरीर के किसी एक अंग में इसकी कोशिकाएं दो दूनी चार के अंदाज में जब बढ़ना शुरू होती हैं. इस स्टेज में ऑपरेशन से शरीर का एक लंग या हिस्सा हटाया जा सकता है, जिसमें कैंसर के लक्षण पाए गए हों.
1. इंटरमीडिएट स्टेज – ये वो स्टेज है, जब कैंसर सेल शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में फैलने लगते हैं. इस स्टेज में कीमो थेरेपी, रोडियो थेरेपी और ऑपरेशन मिलाकर इलाज चलता है.
3. एडवांस स्टेज – ये वो स्टेज है, जब शरीर के दूसरे हिस्सों में कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह फैल जाती है. इस स्टेज में मरीज के ठीक होने की गुंजाइश न के बराबर होती है, लेकिन कीमो थेरेपी से इलाज चल सकता है.
फेफड़ों के कैंसर से बचने वाले उपाय (tips for protect from Lung cancer )
सबसे पहले धूम्रपान करना छोड़ दें. ऐसा करने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो जाता है, भले ही आप वर्षों से धूम्रपान करते आ रहे हों.
यदि आप धूम्रपान करने वाले के साथ रहते हैं या काम करते हैं, तो उसे छोड़ने के लिए आग्रह करें या फिर उनसे दूर बना लें.
काम में जहरीले रसायनों के संपर्क से खुद को बचाने के लिए सावधानी बरतें.
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए डाइट में फल और सब्जियों को शामिल करें
फिट और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें
27 April 2009 को हुई थी मौतबॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने स्टाइलिश अंदाज के लिए मशहूर रहे अभिनेता फिरोज की आखिर फिल्म अनीस बज्मी के निर्देशन में बनी वेलकम थी. फिरोज खान ने रणबीर धनराज जाका उर्फ RDX का रोल कर सभी को चौंका दिया था. उनकी इस फिल्म के डायलॉग भी काफी फेमस हुए. उनका एक डायलॉग ‘अभी हम जिंदा हैं’. काफी फेमस हुआ. इस फिल्म के रिलीज होने के दो साल बाद 27 April 2009 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था. फिरोज खान ने अपने फिल्मी करियर में चॉकलेटी हीरो से लेकर खूंखार खलनायक तक के रोल किए थे.
ये भी पढ़ें: वो बीमारी जिसकी वजह से बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ का लिवर 75% हो चुका है खराब, जानिए लक्षण और बचाव
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.