सहारनपुर. यूपी के सहारनपुर में किसानों के लिए हर बार धान काटने के बाद परली एक बड़ी समस्या बन जाती है. इसको लेकर किसान काफी परेशान रहताे हैं. किसान अगर पराली को नष्ट करने के लिए खेत में जला देता हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज हो जाती है.
साथ ही किसान उस प्रणाली को अगर अपने खेत में काट कर मिला देता हैं, तो लगने वाली फसल में देरी हो जाती है. हालांकि इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए इस बार कृषि विभाग ने किसानों की इस पराली की समस्या को दूर करने के लिए रास्ता निकाला है.
पराली जलाने से बढ़ता है प्रदूषण स्तर
उप कृषि उपनिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि पराली किसान के लिए समस्या नहीं है. अगर पराली को काटकर खेत में मिला देते हैं तो वह उर्वरक का काम करता है. लेकिन, किसानों को अक्सर धान काटने के बाद खेत खाली करने की जल्दबाजी होती है. इसलिए, किसान पराली को अपने खेत में डालकर सड़ाना नहीं चाहते हैं और उसको जलाने की कोशिश करते हैं. लेकिन, एनजीटी का आदेश है कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है. इसलिए, किसानों को पराली जलाने नहीं दिया जाता. अगर कोई किसान पराली को जला देता है तो किसान के ऊपर एफआईआर दर्ज हो जाती है. कृषि विभाग किसानों को पराली नष्ट करने के लिए बेलर मशीन दे रहा है. जिससे किसान पराली को कंप्रेस कर गोल या चकोर आकार का बॉक्स बना सकते हैं.
बेलर मशीन करेगी पराली की समस्या को दूर
उप कृषि उपनिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि सरकार का लगातार प्रयास है कि किसान पर किसी तरह की कार्रवाई ना की जाए. सरकार ने पराली को खेत से हटाने के लिए किसानों को बेलर मशीने देने का फैसला किया है. पिछले वर्ष भी कुछ किसानों को कृषि विभाग के द्वारा बेलर मशीन दी गई है और इस वर्ष भी कुछ किसानों को बेलर मशीन दी जाएगी. जिससे किसान पराली को बेलर मशीन के द्वारा कंप्रेस कर उसको गोल और चकोर आकार में बना सकेंगे. इसके बाद इनका इस्तेमाल पावर प्लांट या सीबीजी प्लांट में किया जाएगा. सीबीजी प्लांट में गैस बनाने के लिए और पावर प्लांट में एनर्जी प्रोड्यूस करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
Tags: Agriculture department, Local18, Saharanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 21:03 IST