Stroke cases may be control in future government and experts together made unique plan national stroke summit | स्ट्रोक का बढ़ते खतरे पर लगेगी लगाम? सरकार और एक्सपर्ट ने मिलकर बनाया नया प्लान, मोबाइल स्ट्रोक यूनिट्स से बदलेगी तस्वीर!

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Stroke cases may be control in future government and experts together made unique plan national stroke summit | स्ट्रोक का बढ़ते खतरे पर लगेगी लगाम? सरकार और एक्सपर्ट ने मिलकर बनाया नया प्लान, मोबाइल स्ट्रोक यूनिट्स से बदलेगी तस्वीर!



स्ट्रोक भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक बन चुका है.  इस ‘ब्रेन अटैक’ को रोकने और कंट्रोल करने के लिए, सरकार और हेल्थ एक्सपर्ट ने एक विस्तृत योजना बनाई है. इस योजना में न केवल स्ट्रोक रोकथाम पर ध्यान दिया गया है, बल्कि बेहतर इलाज और पुनर्वास सेवाओं पर भी जोर दिया गया है.
हाल ही में आयोजित ‘नेशनल स्ट्रोक समिट’ में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुनिया सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि स्ट्रोक रोकथाम सरकार की प्रायोरिटी है. उन्होंने बताया कि भारत में गैर-संचारी रोग (NCDs) से होने वाली मौतें 66% हैं, जिनमें से स्ट्रोक प्रमुख भूमिका निभाता है. सरकार ने हब-एंड-स्पोक मॉडल अपनाया है, जिसके तहत देशभर में 500 स्ट्रोक यूनिट्स स्थापित की गई हैं. इस मॉडल के जरिए संसाधनों का उचित वितरण और मरीजों को विशेष इलाज और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
पंजाब में हर साल 40 हजार मामलेपंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने स्ट्रोक को एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट करार दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब में हर साल करीब 40,000 स्ट्रोक के मामले दर्ज होते हैं. इससे निपटने के लिए पंजाब में जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को जोड़ते हुए एक व्यापक स्ट्रोक केयर पाथवे लागू किया गया है. यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि किसी भी स्ट्रोक मरीज का इलाज अधूरा न रहे.
समय पर इलाज जरूरीवर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. जयराज पंडियन ने बताया कि स्ट्रोक का इलाज समय पर होना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि नेशनल स्ट्रोक एक्शन प्लान के तहत जिला अस्पतालों में स्ट्रोक यूनिट्स, मेडिकल कॉलेजों में 50% स्ट्रोक यूनिट्स, डॉक्टरों की ट्रेनिंग, पुनर्वास सुविधाएं और रोकथाम प्रोग्राम को बढ़ावा दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य 2030 तक स्ट्रोक की घटनाओं और विकलांगता को कम करना है.
स्ट्रोक के इलाज सस्ता और क्वालिटी रिच होगाहेल्थ टेक्नोलॉजी कंपनी मेडट्रॉनिक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर मंदीप सिंह कुमार ने कहा कि भारत में स्ट्रोक के इलाज को सस्ता और क्वालिटी रिच बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं, ‘PRAAN स्ट्रोक रजिस्ट्री’ के माध्यम से स्ट्रोक उपचार पर डेटा इकट्ठा करने और नई स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा.
स्ट्रोक: यंग जनरेशन में स्टेस बन रहा मेन विलेनमंदीप सिंह ने बताया कि स्ट्रोक अब केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं है; यह यंग जनरेशन को भी तेजी से प्रभावित कर रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है ज्यादा तनाव. करियर, पढ़ाई और निजी जीवन में बढ़ते दबाव ने युवाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है. तनाव के कारण हाई ब्लड प्रेशर, अनियमित दिल की धड़कन और थकावट जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, तनाव को मैनेज करना और नियमित हेल्थ चेकअप कराना इस समस्या को रोकने में मददगार हो सकते हैं.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी PTI)



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