हमारे शरीर में मानव कोशिकाओं से कहीं ज्यादा सूक्ष्मजीव रहते हैं, खासकर हमारे आंतों में. ये सूक्ष्मजीव, जिन्हें “माइक्रोबायोम” कहते हैं, हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं. नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया है कि हमारी आंतों में कुछ बैक्टीरिया हमारे शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं.
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने यह खोजा कि आंतों के बैक्टीरिया का मिश्रण हमारी सेहत के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है और यह हमें संक्रमण से कैसे बचा सकता है. विशेष रूप से, “फेसलिबैक्टीरियम” नामक बैक्टीरिया ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है, जो आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया जैसे एंटरोबैक्टीरियासी को रोकने में सहायक है.
आंतों में बैक्टीरिया का योगदान
हमारे शरीर में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों की संख्या काफी अधिक है, और इनमें से कुछ बैक्टीरिया हमारे लिए लाभकारी होते हैं. इन लाभकारी बैक्टीरिया का काम होता है, हानिकारक बैक्टीरिया से रक्षा करना, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. एंटरोबैक्टीरियासी नामक बैक्टीरिया, जिसमें E. coli जैसी किस्में शामिल हैं, सामान्यतः शरीर के लिए हानिकारक नहीं होतीं, लेकिन इनका अत्यधिक बढ़ना गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है.
इसे भी पढ़ें- चेहरे पर मुहांसे पेट में भरी गंदगी का संकेत, आंतों की सफाई के लिए आज से ही खाना शुरू कर दें ये 5 चीजें
ऐसे हुई स्टडी
स्टडी में 45 देशों से 12,000 से अधिक मल के नमूनों का विश्लेषण किया, और इस दौरान यह पता चला कि आंतों में मौजूद बैक्टीरिया की संरचना उन व्यक्तियों से अलग थी, जिनके आंतों में एंटरोबैक्टीरियासी था. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कुछ बैक्टीरिया एंटरोबैक्टीरियासी के साथ मिलकर बढ़ते हैं, जबकि कुछ बैक्टीरिया ऐसे होते हैं जो उनके साथ नहीं पनपते. इन्हें को-कोलोनाइजर और को-एक्सक्लूडर कहा जाता है.
फाइबर फूड्स बढ़ाते हैं गुड बैक्टीरिया फेसलिबैक्टीरियम
यह बैक्टीरिया आहार में मौजूद फाइबर्स को तोड़कर शॉर्ट-चेन फैटी एसिड्स का उत्पादन करता है, जो हानिकारक बैक्टीरिया जैसे एंटरोबैक्टीरियासी के विकास को रोकने में सहायक होते हैं. इन फैटी एसिड्स को आंतों में सूजन कम करने और आंतों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में भी मददगार माना जाता है.
प्रोबायोटिक्स से अधिक प्रभावी ये चीजें
हम आहार के जरिए इन बैक्टीरिया को प्रोत्साहित कर सकते हैं, ताकि वे हमारे आंतों में पनप सकें. यह तरीका प्रोबायोटिक्स से अधिक प्रभावी हो सकता है, क्योंकि नए बैक्टीरिया जो हमारे आंतों में डाले जाते हैं, वे लंबे समय तक नहीं रहते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.