Gut Health: खराब डाइजेशन शरीर में कई बीमारियों का कारण बन सकता है. बेहतर डाइजेशन के लिए आंतों का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है. पेट और आंतों में सूजन होने से खाना पचने में दिक्कत होने लगती है. यह पेट में गैस, दर्द, पेट में भारीपन या ऐंठन की समस्या पैद कर सकता है. पेट की यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि पेट और आंतों में सूजन के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके क्या हैं?
लक्षण
पेट और आंतों सूजन होने पर कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. सूजन के कारण पेट में भारीपन और ऐंठन हो सकती है. सूजन से पेट में ज्यादा गैस बनना और उसे निकालने में कठिनाई होने लगती है. ऐसी स्थिति में पेट बढ़ कर फूल जाता है. वहीं सूजन के कारण पेट में जलन का ऐहसास होने लगता है. आंतों में सूजन के कारण पेट में मरोड़ और दस्त हो सकते हैं.
कारण
पेट और आंतों में सूजन कई वजहों से हो सकती है. ज्यादा मसालेदार और तेल वाला खाना, ज्यादा फाइबर, या ज्यादा गैस बनाने वाले फूड प्रॉडक्ट्स खाने से पेट या आंतों में सूजन हो सकती है. शरीर में पानी की कमी भी सूजन का समस्या पैदा कर सकती है. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), क्रोनिक इंटेस्टाइनल डिसीज़, या गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) जैसी पेट की बीमारियों में पेट और आंतों में सूजन हो जाती है. अगर किसी व्यक्ति को लैक्टोज या ग्लूटेन इंटॉलरेंस है, वो भी सूजन का कारण बन सकती है. मेंटल स्ट्रेस भी डाइजेशन सिस्टम पर असर डालती है और पेट और आंतों में सूजन बनाती है.
बचाव के तरीके
इस स्थिति को आप अच्छे डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों से ठीक कर सकते हैं. ताजे फल, सब्जिया और हल्के प्रोटीन खाएं, साथ ही तेल और मसालों वाले खानों से परहेज करें. अच्छी मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें, इससे पाचन से जुड़ी समस्याएं नहीं होंगी और सूजन कम होती है. बड़े मिल के बजाय छोटे और टाइम से खाना खाएं, ताकि डाइजेशन सिस्टम पर दबाव न पड़े. रोजाना हल्का व्यायाम, जैसे टहलना, योग, एक्सरसाइज पाचन में मदद करता है, जिससे सूजन की समस्या में राहत मिल सकती है. तनाव भी कभी-कभी सूजन का कारण बन जाता है, इसलिए मेंटल स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग और प्राणायाम जैसी चीजें करना शुरू कर दें. वहीं ऐसे फूड प्रॉडक्ट्स का परहेज करें, जो गैस फॉर्म करती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.