रामपुर: कोरोना ने वैश्विक स्तर पर अप्रत्याशित नकारात्मक स्थिति पैदा कर दी है जिसका बड़ा असर अभी भी सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. इससे पढ़े-लिखे युवाओं का रुझान खेती बाड़ी की तरफ बढ़ा है. ऐसे ही एक युवा है अमित वर्मा जिन्होंने कोविड के संकट को अवसर में बदलने का फैसला किया और गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क स्थापित किया और कृषक उत्पादक संगठन बनाया. आज उनके एफपीओ में किसानों की संख्या 15,000 पहुंच चुकी है.एफपीओ में एकता में कितनी ताकत होती है ये किसी को समझाने की जरूरत नहीं है लेकिन एग्रीकल्चर सेक्टर में ये योजना किस तरह का क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है ये बताया अनुभवी किसान अमित वर्मा ने. उन्होंने कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने के बाद और कई देशों का अनुभव लेने के बाद लोकल 18 से खास बात चीत में बताया कि जब सभी पढ़े लिखे युवा भी घर बैठे थे तब उनके पास करने के लिए कृषि एक ऐसा क्षेत्र था जो कोविड के दौरान भी सफल था. इसी क्रम में अमित ने गांव-गांव जाकर कई किसानों से संपर्क स्थापित किया. उनके साथ मिलकर ऑर्गेनिक खेती शुरू की. इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों से परामर्श किया. किताबों से मोटे अनाज की विशेषता को समझा और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी (अब मुरादाबाद कमिश्नर) आन्जनेय कुमार सिंह ने उन्हें एफपीओ बनाने की सलाह दी. जिसके बाद उन्होंने गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क स्थापित किया और कृषक उत्पादक संगठन बनायाबता दें कि अमित वर्मा रामपुर के रहने वाले हैं. पेशे से इंजीनियर हैं. उन्हें एफपीओ में बड़ी सफलता मिली. मुनाफा कमाने के साथ ही कई किसानों और आम लोगों को रोजगार दे रहे हैं. खेती के साथ उन्होंने फूड प्रोसेसिंग के अपने व्यवसाय को बड़ा रूप दिया है. घर बैठे लोग अमित वर्मा से प्रोडक्ट खरीदने के लिए ऑर्डर देते हैं.अमित को मिल चुका ये सम्मानअमित को नीति आयोग ने अपनी पुस्तक में देश के 100 नामचीन लोगों में शामिल किया है. मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें तीन बार सम्मानित कर चुके हैं. ICAR ने अमित वर्मा के काम को देखते हुए 2020-21 का बेस्ट इमर्जिंग एफपीओ अवॉर्ड दिया और यूपी कृषि विभाग की ओर से अमित वर्मा को स्पेशल अवॉर्ड दिया गया.FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 20:47 IST