अर्थराइटिस एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है. इसके केवल लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है. इस बीमारी के 100 से अधिक प्रकार होते हैं, जिनमें ओस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटॉयड आर्थराइटिस प्रमुख हैं. जहां ओस्टियोआर्थराइटिस उम्र के साथ बढ़ता है, वहीं रुमेटॉयड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून समस्या है. दोनों ही स्थितियों के इलाज में आमतौर पर दवाइयां और शारीरिक व्यायाम मददगार होता है.
हाल ही में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की क्लिनिकल एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तामिको कात्सुमोटो ने दावा किया है कि उचित आहार से 8 हफ्ते के भीतर अर्थराइटिस के लक्षणों को उलटने की संभावना है. एक्सपर्ट ने जोई हेल्थ पॉडकास्ट में अपने विचार साझा करते हुए बताया कि सही आहार और जीवनशैली में बदलाव से अर्थराइटिस के दर्द और सूजन को कंट्रोल किया जा सकता है.
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अर्थराइटिस का इलाज नहीं- झूठ
डॉ. कात्सुमोटो ने बताया कि अर्थराइटिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन आहार, जीवन शैली और दवाइयों के माध्यम से इसके लक्षणों को धीमा किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “यह एक बड़ा मिथक है कि अर्थराइटिस का इलाज नहीं हो सकता. असल में, आहार और जीवनशैली में बदलाव से हम इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं.”
गठिया के लिए बेस्ट डाइट
एक्सपर्ट एंटी-इन्फ्लेमेटरी डाइट को बेहद प्रभावी मानती हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करता है. अमेरिकन कॉलेज ऑफ र्यूमेटोलॉजी भी अर्थराइटिस के मरीजों के लिए मेडिटेरेनियन डाइट की सलाह देता है. इसके अलावा, डॉ. कात्सुमोटो ने ब्लू जोन डाइट की सराहना की, जिसमें पौधों-आधारित आहार, मछली, बीज, नट्स, दालें और फलियां शामिल होती हैं, और डेयरी तथा मांसाहारी प्रोडक्ट को कम किया जाता है.
गठिया में खाएं ये सब्जियां
डॉ. कात्सुमोटो के अनुसार, ‘क्रुसिफेरस’ परिवार की सब्जियां जैसे ब्रोकोली, काले पत्ते, फूलगोभी और गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां अर्थराइटिस में लाभकारी होती हैं. इन सब्जियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
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सूजन के लिए सुपरफूड्स
डॉ. कात्सुमोटो चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स को विशेष रूप से खाने की सलाह देती है. ये बीज फाइबर, ओमेगा-3 और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो जोड़ों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं. उन्होंने अपने पॉडकास्ट में बताया कि वह खुद भी इन्हें अपनी स्मूदी में डालकर सेवन करती हैं. इसके अलावा, ओमेगा-3 से भरपूर मछली जैसे सैल्मन भी सूजन को कम करने में मददगार हो सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बड़े मछली जैसे ट्यूना और स्वॉर्डफिश से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें भारी धातु और विषाक्त तत्व जमा हो सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.