Stadium of Champions: गाजियाबाद का यह स्टेडियम है खास, जानें क्या है वजह

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Stadium of Champions: गाजियाबाद का यह स्टेडियम है खास, जानें क्या है वजह



 विशाल झा/गाजियाबादः अक्सर आपने जिले के सरकारी अस्पताल, स्कूल और खेल मैदानों की अव्यवस्थाओं के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपको दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद के जिला महामाया स्टेडियम की उपलब्धि के बारे में बता रहे हैं. जिले का यह स्टेडियम अब ‘स्टेडियम ऑफ चैंपियंस’ ( Stadium of Champion’s ) कहलाया जाता है. ऐसा इसलिए कि बीते कुछ वर्षों में स्टेडियम के खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत कई खेलों में मेडल झटके हैं.

हाल- फिलहाल में ही जिला स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में महामाया स्टेडियम के 17 बच्चों ने मेडल हासिल किया है. जिनमें 15 गोल्ड मेडल है. ऐसा नहीं है की इन खिलाड़ियों के पास जूडो की ट्रेनिंग के लिए बहुत बड़ा ट्रेनिंग सेंटर और आलीशान इक्विपमेंट हो. बल्कि एक छोटे से कमरे में कुछ पुराने रुईदार गद्दो पर यह बच्चे अपनी जुड़ो की ट्रेनिंग करते है. जिला स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में जिस टीम के बच्चों ने हिस्सा लिया उनसे ही News 18 Local ने बात की.

बड़ी प्रतियोगिता होने वाली हैखिलाड़ी शिवम सक्सेना ने बताया कि यह जनपद में आयोजित एक ट्रायल था. जिसके बाद 8 तारीख को एक बड़ी प्रतियोगिता होने वाली है. मुश्किल इसलिए ज्यादा थी क्योंकि पूरे गाजियाबाद के बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया था. वही खिलाड़ी अंशिका ने बताया कि पिछले दो वर्षों से वह महामाया स्टेडियम में ट्रेनिंग कर रही है. यहां पर टीम वर्क के जरिए प्रैक्टिस की जाती है. हाल में हुई जूडो प्रतियोगिता के काफी अच्छे अनुभव रहे जो हमें ट्रेनिंग दी गई थी उसी के टिप्स के बदौलत मैं वहां पर कामयाब हुई.

हल्के में नहीं लें चाहिए प्रतियोगिताजिला उप क्रीड़ा अधिकारी पूनम विश्नोई ने बताया कि जूडो मेरा खुद का खेल रहा है. ऐसे में मैं इस खेल को लेकर काफी ज्यादा जागरूक रहती हूं. यह काफी गर्व की बात है कि महामाया स्टेडियम के इतिहास में यह प्रतियोगिता अमर हो गई क्योंकि इतनी भारी मात्रा में जुड़ो में पहले कभी मेडल नहीं आए. इस प्रतियोगिता के बाद बच्चों का मंडल स्तरीय प्रतियोगिता होगी और मंडल प्रतियोगिता के बाद खिलाड़ी अपने आगे का सफर तय करेंगे.

स्टेडियम को मिले कई राष्ट्रीय खिलाड़ीअक्सर खिलाड़ी और कोच जिला स्तरीय प्रतियोगिता को काफी हल्के में लेते है. उनको मैं यह बताना चाहती हूं कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता इसलिए इंपॉर्टेंट होती है क्योंकि चाहे ओलंपिक हो या एशियन गेम्स सब की शुरुआत जिला स्तरीय टूर्नामेंट से ही होती है. हम सभी बच्चों को अच्छी ट्रेनिंग और अच्छी आहार देने की कोशिश करते है. हैरानी की बात है कि इस छोटे से कैमरे ने हमारे महामाया स्टेडियम को कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए है.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 15:18 IST



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