करहल: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Chunav) में करहल विधानसभा सीट (karhal Seat) से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel Attacked) पर हमला हुआ है. मैनपुरी के करहल में केंद्रीय कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel News) के काफिले पर उस वक्त हमला हुआ, जब वह पैरार शाहपुर में प्रचार करके लौट रहे थे. जब केंद्रीय मंत्री बघेल (sp singh baghel convoy) का काफिला अतिकुल्लारपुर के पास पहुंचा, तभी पहले से खेतों में घात लगाए बैठे सौ से अधिक लोगों ने उनके काफिले पर पत्थरों की बरसात कर दी. हालांकि, इस हमले में एसपी सिंह बघेल सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री के काफिले पर हुए हमले की खबर लगते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के काफिले पर खेतों के अंदर से लोगों ने पथराव किया, जिनकी संख्या करीब सौ के आसपास रही होगी. इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री का काफिला रुकते ही अराजक भीड़ ने घेर कर गाड़ियों पर लाठी-डंडे बरसाए और इस घटना में कई गाड़ियों को नुकसान हुआ है. फिलहाल, मंत्री की गाड़ी करहल थाने में है और वहां समर्थकों की भीड़ जुट गई है.
इस घटना पर राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के काफिले पर सपाई गुंडों द्वारा हमला करना, असली चरित्र दिखाया है. कल ही भाजपा सांसद श्रीमती गीता शाक्य पर भी हमला किया गया था. दोनों घटनाओं के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा- ‘अखिलेश यादव जी चुनाव में हार के डर से आपने अपने पालतू गुंडों के द्वारा भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल और भाजपा नेताओं पर हमला करवाते हो, आपने हमला नहीं अपनी पराजय सुनिश्चित की है, क्या यही नई सपा है, जो आपके खिलाफ चुनाव लड़े उस पर हमला कराओगे!’
कौन हैं एसपी सिंह बघेल
दरअसल, एसपी सिंह बघेल इस वक्त ये भाजपा में हैं. आगरा से सांसद और केंद्र में कानून एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. लेकिन एक समय में ये उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक (Sub Inspector) भी हुआ करते थे. जब समाजवादी पार्टी (SP) के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM, UP) बने तो उनकी सुरक्षा में तैनात रहे. फिर नौकरी छोड़ राजनीति में आ गए. राजनीति की संक्षिप्त शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (BSP) से हुई. लेकिन जल्द ही सपा (SP) में शामिल हो गए और थोड़ा लंबे टिके.
सपा में रहकर सीखी राजनीति
सपा में रहते हुए एसपी सिंह बघेल ने मुलायम सिंह से राजनीति की बारीकियां सीखीं. सपा के टिकट पर जीतकर 1998, 1999, 2004 में लोकसभा पहुंचे. लेकिन 2010 में उनकी सपा से तकरार हो गई तो वापस बसपा की तरफ मुड़ गए. हालांकि, उनकी यहां दूसरी पारी संक्षिप्त रही और 2014 में वे भाजपा में आ गए. भाजपा के टिकट पर पहले 2017 में टूंडला से विधानसभा चुनाव जीते और फिर 2019 में आगरा से लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की.
कितना बड़ा है एसपी सिंह बघेल का कद
एसपी सिंह बघेल का कद सियासत में अब कितना ऊंचा हो चुका है, इसका अंदाज इसी बात से लगाइए कि भाजपा ने उन्हें 5 साल के भीतर तीसरी बार चुनाव मैदान में उतार दिया है. वह भी, इस बार उस करहल सीट से जहां से मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश चुनाव में उतरे हैं. अखिलेश ने यह सीट सोच-समझकर चुनी है. यह, वह जगह है जहां उनके पिता ने 1955 से 1963 तक पढ़ाई की थी. फिर जैन इंटर कॉलेज में 1963 से 1984 तक बतौर लेक्चरर राजनीति विज्ञान का विषय पढ़ाया है. इतना ही नहीं, जब मुलायम सिंह राजनीति में आए तो करहल के ही मैनपुरी जिले की लोकसभा सीट से लंबे समय तक सांसद रहे.
करहल विधानसभा सीट पर सपा का दबदबा
बता दें कि मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट बेहद खास है. सोबरन सिंह यादव लगातार 4 बार से करहल से विधायक हैं. साल 1993 से लेकर आज तक सिर्फ एक बार साल 2002 में यहां सपा को हार का मुंह देखना पड़ा था. समाजवादी पार्टी के बाबूराम यादव साल 1993 और 1996 में करहल से चुनाव जीते. साल 2002 में सोबरन ही भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते. साल 2007 में सपा ने फिर से वापसी की और सोबरन सिंह ही साइकिल के सिंबल पर विधायक बने. वहीं, साल 2017 में भी भाजपा अपनी लहर होने के बावजूद सोबरन सिंह यादव का किला नहीं भेद पाई और वह चौथी बार करहल के विधायक बने. उन्होंने भाजपा की रमा शाक्य को पटखनी दी थी. करहल विधानसभा में साल 2017 में कुल 49.57 फीसदी वोट पड़े थे. सोबरन सिंह यादव को यहां 1 लाख 4 हजार 221 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा की रमा शाक्य को 65 हजार 816 वोट मिले थे. जबकि 29 हजार 676 वोट बीएसपी के दलवीर सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे.
करहल में ऐसे हैं जातीय समीकरण
करहल विधानसभा में करीब 3 लाख 71 हजार वोटर हैं. इसमें यादव वोटरों की संख्या लगभग 1 लाख 44 हजार है, जो कि कुल मतों का 38 फीसदी बैठता है. जबकि 14183 वोटर मुस्लिम हैं. इसके अलावा शाक्य (34946), ठाकुर (24737), ब्राह्मण (14300), लोधी 10833) और जाटव (33688) वोटर्स का भी दबदबा है.
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