Some interesting facts about teacher mlc election 2023 in jhansi allahabad area low turnout total 1185 invalid votes among high qualified teacher

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Some interesting facts about teacher mlc election 2023 in jhansi allahabad area low turnout total 1185 invalid votes among high qualified teacher



शाश्वत सिंहझांसी: उत्तर प्रदेश विधान परिषद झांसी-इलाहाबाद खंड शिक्षक चुनाव संपन्न हो चुका हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ बाबूलाल तिवारी इस चुनाव में विजयी घोषित किया गया . उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुरेश कुमार त्रिपाठी से 1403 वोट से जीत हासिल की है. शुभकामनाओं और बधाइयों का दौर जारी है. लेकिन, इन सबके बीच कुछ आंकड़े ऐसे भी हैं जो चिंता का विषय है और जिन पर चर्चा करना जरूरी है.

शिक्षक एमएलसी चुनाव में शिक्षक ही वोटर होते हैं. वह शिक्षक जो हाई स्कूल यानी दसवीं कक्षा या उससे ऊपर की कक्षाओं को पढ़ाते हैं. वह इस चुनाव में वोटर होते हैं. इनके अलावा डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज और माध्यमिक सेंट्रल स्कूल के शिक्षक भी इस चुनाव में वोटर होते हैं. जिस शिक्षक ने न्यूनतम 3 वर्ष अध्यापन कार्य किया हो वह वोटर बन जाता है.

चिंता का सबब,शिक्षक भीं  नहीं डालते शत प्रतिशत वोट:इससे यह बात तो साफ है कि बेहद पढ़ा-लिखा तबका ही इस चुनाव में वोटर होता है. लेकिन इसके बावजूद वोटिंग प्रतिशत 100 का आंकड़ा नहीं छु पाता. अभी संपन्न हुए चुनाव में इलाहाबाद-झांसी खंड सीट पर सिर्फ 75.86% ही वोटिंग हुई. 10 जिलों के कुल 34,495 मतदाताओं में भी 26,169 मतदाताओं ने ही अपने मत का प्रयोग किया . वरिष्ठ पत्रकार सोनिया पांडे कहती है कि अगर पढ़ा-लिखा वोटर भी चुनाव की प्रक्रिया से दूर रहता है तो यह चिंता का विषय है.

नंबर लिखने में मास्टर साहब ने कर दी गलती , 1185 वोट हुआ बेकार :बात सिर्फ कम वोटिंग कि नहीं बल्कि गलत वोटिंग की भी है. जब मतगणना हुई तो यह बात सामने आई की डाले गए कुल वोटों में से 1,185 वोट अमान्य करार दिया गया. इस चुनाव में वोटर को अपने पसंद के प्रत्याशी के नाम के सामने 1 या 2 लिखना था. लेकिन जो शिक्षक इस चुनाव में वोट डालने गए वह यह काम भी सही से नहीं कर पाए. कई वर्षों से चुनाव को कवर कर रहे पत्रकार लक्ष्मी नारायण शर्मा कहते हैं कि, अगर पढ़ी लिखी बिरादरी के लोग ही सही से वोट नहीं डाल पाते हैं तो बाकी लोगों से तो उम्मीद भी नहीं की जा सकती.

द्वितीय वरीयता से ही होता है जीत-हार का फैसला:इसके साथ ही यह बात भी सामने आई की पहली बार शिक्षक एमएलसी चुनाव में उतरी राजनीतिक पार्टियों ने कमाल कर दिखाया है. लंबे समय से इन सभी सीटों पर शिक्षक संघ का कब्जा होता था. लेकिन, अब यह तस्वीर बदल चुकी है. एक बात यह भी सामने आई कि पिछले कई चुनाव से विजेता का फैसला द्वितीय वरीयता की गिनती से ही होता है. पिछले चुनाव में सुरेश कुमार त्रिपाठी भी द्वितीय वरीयता की गिनती में ही विजयी घोषित किए गए थे. इस बार भी बाबूलाल तिवारी अधिमान आंकड़ा (50%+1) नहीं प्राप्त कर पाएं .
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Jhansi news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 07, 2023, 20:31 IST



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